
रिपोर्ट: शिवम सिंह ब्यूरो चीफ बांदा
बांदा शहर के सेढू तलैया मोहल्ले में शुक्रवार दोपहर से शनिवार शाम तक लगातार 26 घंटे बिजली गुल रही। तेज बारिश से क्षेत्र में जलभराव हो गया, जिससे सैकड़ों घरों में पानी भर गया और जीवन पूरी तरह अस्त-व्यस्त हो गया।
शंकर नगर, लोहिया पुल जैसे अन्य मोहल्लों में भी यही हाल रहा। बिजली कटने से न तो पानी की निकासी हो सकी और न ही लोग इनवर्टर या पंप चला पाए। कई घरों में खाना नहीं बन सका, छोटे बच्चे और बुजुर्ग बिना भोजन के रहे।
ग्रामीणों के अनुसार, जेई, एसडीओ व अन्य अधिकारियों को बार-बार सूचना देने की कोशिश की गई, पर किसी ने फोन नहीं उठाया। नगरपालिका परिषद की निकासी व्यवस्था भी नाकाफी साबित हुई।
वर्तमान स्थिति:शहर में प्रतिदिन केवल 12-14 घंटे ही बिजली मिल रही है, जबकि सरकार ने जिला मुख्यालयों पर 24 घंटे सप्लाई देने के निर्देश दे रखे हैं।समस्या की जड़:बांदा का शहरी विस्तार तेजी से बढ़ा है, पर नालों की चौड़ाई मात्र 5-7 फीट है। भारी अतिक्रमण के कारण जलनिकासी ठप है। अतर्रा चुंगी नाले पर लोगों ने मकान और दुकानें तक बना ली हैं।
प्रश्न उठते हैं कि:सरकार द्वारा विद्युत विभाग को दिए गए हजारों करोड़ रुपए आखिर कहां खर्च हुए?जनता को इसका लाभ क्यों नहीं मिल रहा?जलभराव व बिजली कटौती से निपटने की कोई ठोस योजना क्यों नहीं बनी?जनता की मांग है कि मंडलायुक्त व उच्च अधिकारी स्वयं हालात का जायजा लें और प्रभावी समाधान सुनिश्चित करें।