
रिपोर्ट: जिला ब्यूरो चीफ नितिन यादव
हाथरस: जिले के बस स्टैंड पर रोडवेज बस चालकों की मनमानी के चलते आमजन को आए दिन परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। बुधवार को एक ऐसा ही मामला सामने आया जिसने सिस्टम की लापरवाही को उजागर कर दिया।
जानकारी के अनुसार, रोडवेज बस स्टैंड के बाहर रोड पर बसें खड़ी कर दी गई थीं जिससे जाम लग गया। इसी दौरान एक गंभीर रूप से बीमार मरीज को अस्पताल ले जा रही एंबुलेंस जाम में फंस गई। एंबुलेंस चालक लगातार सायरन बजाता रहा और बस हटाने की गुहार लगाता रहा, लेकिन बस चालक ने कोई ध्यान नहीं दिया।
संयोग से वहां से गुजर रहे एक पुलिसकर्मी ने मामले को गंभीरता से लिया और बस चालक को फटकार लगाते हुए तत्काल सड़क खाली करवाई, जिसके बाद एंबुलेंस आगे बढ़ सकी। इस दौरान कुछ मिनटों की देरी से बड़ा हादसा टल गया।
बता दें कि रोडवेज अधिकारियों द्वारा स्पष्ट आदेश हैं कि सभी बसें बस डिपो के भीतर खड़ी की जाएं, लेकिन बस चालक खुलेआम आदेशों की अनदेखी करते हुए सड़क पर ही बसें खड़ी कर जाम की स्थिति उत्पन्न कर रहे हैं। ट्रैफिक इंस्पेक्टर द्वारा हाल ही में की गई कार्रवाई भी बेअसर साबित होती नजर आ रही है।
सवाल यह उठता है कि जब एंबुलेंस जैसी आपातकालीन सेवा भी जाम में फंस जाए, तो इसका जिम्मेदार कौन होगा? क्या उत्तर प्रदेश में ऐसा कोई सख्त कानून नहीं है जो ऐसे मामलों में तत्काल कार्रवाई सुनिश्चित करे? क्या अन्य राज्यों में एंबुलेंस को निर्बाध रास्ता देने के लिए विशेष नियम नहीं लागू किए गए हैं?
जनता मांग कर रही है कि रोडवेज प्रशासन इस लापरवाही पर सख्त कदम उठाए और ऐसे लापरवाह चालकों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई सुनिश्चित करे ताकि भविष्य में किसी भी मरीज की जान जाम में न अटके।