
इस्लाम धर्म के पैग़ंबर हजरत मुहम्मद साहब के नवासे हजरत इमाम हुसैन और उनके 72 साथियों की कर्बला में दी गई शहादत की याद में मनाया जाने वाला मुहर्रम पर्व आज पूरे एहतराम और गमगीन माहौल में मनाया गया।
🕌 गांव जिनमें मुहर्रम की अकीदत से ताजिया निकाला गया:
🔹 पपरेंदा
🔹 चिल्ला
🔹 सादीमदनपुर
🔹 शादीपुर
🔹 लौमर
🔹 गौसीपुर
🔹 गुगौली
🚩 9वीं और 10वीं तारीख को निकाली गई ढाल सवारी, अलाव खेला गया और अखाड़ों की प्रस्तुतियाँ हुईं।
📿 10वीं तारीख यानी यौमे आशूरा के मौके पर रोज़े रखे गए, कुरान ख्वानी, नियाज-फातिहा, और सबील व लंगर का आयोजन भी किया गया।
🗣️ जुलूस के दौरान गूंजे नारे:
> “नारे तकबीर – अल्लाह हू अकबर,
या अली – या हुसैन”
📌 चिल्ला, गुगौली और सादीमदनपुर का ताजिया जुलूस चिल्ला बाजार में पहुंचकर आपस में गले मिलाया गया, जो आपसी भाईचारे का प्रतीक रहा।
🕋 जुलूस के समापन पर चिल्ला में खेत में गड्ढा खोदकर ताजियों को सुपुर्द-ए-ख़ाक किया गया।
👮♂️ प्रशासन की कड़ी निगरानी रही मौजूद:
चिल्ला थाना प्रभारी श्री संदीप तिवारी अपनी पूरी टीम के साथ मौके पर मुस्तैद रहे और शांति व्यवस्था सुनिश्चित की।
📸 पूरे आयोजन में गांवों के लोगों ने श्रद्धा, अनुशासन और सौहार्द का परिचय दिया, जिससे क्षेत्र में एकता और अमन का संदेश गया।
रिपोर्ट
अनुपम गुप्ता जिला रिपोर्टर बांदा