
जसपुरा (बाँदा), संवाददाता शिवम सिंह ब्यूरो चीफ बांदा
राज्य सरकार भले ही ग्रामीण क्षेत्रों में बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध कराने के बड़े-बड़े दावे कर रही हो, लेकिन जमीनी हकीकत इससे कोसों दूर है। पैलानी तहसील के अंतर्गत विकासखंड जसपुरा के ग्राम चंदवारा में स्थित प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र (PHC) सरकारी दावों की पोल खोलता नजर आ रहा है। यहां वर्षों से चिकित्सकों और अन्य स्वास्थ्यकर्मियों की भारी कमी है, और वर्तमान में सिर्फ एक फार्मासिस्ट के भरोसे मरीजों का इलाज किया जा रहा है।
इस स्वास्थ्य केंद्र पर तैनात फार्मासिस्ट और एक एएनएम ही पूरी जिम्मेदारी संभाल रहे हैं, जबकि डॉक्टर, लैब सहायक, वार्ड ब्वॉय और सफाईकर्मी जैसे आवश्यक पद लंबे समय से खाली पड़े हैं। करीब 20 हजार की आबादी केवल फार्मासिस्ट की सलाह और सामान्य दवाओं पर निर्भर है। किसी भी गंभीर बीमारी या आपात स्थिति में मरीजों को 20 किलोमीटर दूर जसपुरा स्थित सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र का रुख करना पड़ता है।
अस्पताल परिसर खुद बीमार
स्वास्थ्य केंद्र की इमारत जर्जर हो चुकी है। अस्पताल परिसर में चारों ओर गंदगी फैली हुई है। नालियों की नियमित सफाई नहीं होने से जलभराव और दुर्गंध फैली है, जिससे मच्छर पनप रहे हैं और संक्रामक बीमारियों का खतरा बढ़ गया है। परिसर में बने कर्मचारी आवास खंडहर में तब्दील हो चुके हैं और वहां झाड़ियां उग आई हैं, जो लापरवाही का खुला प्रमाण हैं।
स्थानीय नेता और ग्रामीण नाराज़
समाजवादी पार्टी के नेता पुष्पेंद्र सिंह चुनाले ने बताया कि “तिरहार क्षेत्र में स्वास्थ्य सेवाओं की स्थिति बेहद दयनीय है। चंदवारा जैसे गरीब और ग्रामीण क्षेत्र के पीएचसी में वर्षों से स्टाफ की भारी कमी है। यह शासन की उदासीनता का उदाहरण है।”
ग्रामीणों का कहना है कि उन्होंने कई बार स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों से संपर्क कर बदहाल व्यवस्था से अवगत कराया, लेकिन अब तक कोई सुधार नहीं हुआ।
प्रशासन ने दिया आश्वासन
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र, जसपुरा के अधीक्षक डॉ. संदीप गुप्ता ने बताया कि “मामले की जांच कराई जाएगी और शीघ्र ही आवश्यक व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी।”