कानपुर नगर: घाटमपुर तहसील के पालपुर गांव का सामान्य से परिवार में पला लड़का अपने गांव का पहला पैरा कमांडो बना, विशाल पाल की उम्र 19 साल है, कड़ी मेहनत करने बाद विशाल आज इस मुकाम पर पहुचें हैं, इनके पिता शिवबरन किसानी करते है, और माँ शशीदेवी ग्रहणी है, इनके बाबा बैजनाथ पाल इनके घर की स्तिथि भी जायदा ठीक नहीं थी, विशाल का बचपन से ही सपना था,
कि वह कमांडो बने और अपने देश की सेवा करे जो की उसने 19 साल की उम्र में कर दिखाया, उसने अपने घर परिवार व गांव का नाम रोशन कर अपने देश की सेवा करने जा पहुंचा है, विशाल ने हाईस्कूल व इंटर की शिक्षा जहानाबाद के विकास विद्या मंदिर कॉलेज से अच्छे अंक से हाईस्कूल 80% व इंटर में 90% अंक लाकर अपने गांव व तहसील में प्रथम स्थान प्राप्त किया था फिर उसके बाद वह अपने सपनों को पूरा करने के लिया कानपुर गया,
और वह पर दलजीत पैरएसएफ और शुभम तोमर जैसे गुरु की शिक्षा ली, कानपुर डिफेंस जोन से लेकिन कुछ समय बाद अकेडमी बंद हो जाने की वजह से कानपुर डिफेंस एकेडमी से अपनी उड़ान शुरू की, 22 नवंबर को अपना सफलतापूर्वक दौड़ और शारीरिक प्रशिक्षण किया, 21 अप्रैल को मातृभूमि की सेवा करने के लिए भारत माँ के चरणों में पहुच गया ।
कि वह कमांडो बने और अपने देश की सेवा करे जो की उसने 19 साल की उम्र में कर दिखाया, उसने अपने घर परिवार व गांव का नाम रोशन कर अपने देश की सेवा करने जा पहुंचा है, विशाल ने हाईस्कूल व इंटर की शिक्षा जहानाबाद के विकास विद्या मंदिर कॉलेज से अच्छे अंक से हाईस्कूल 80% व इंटर में 90% अंक लाकर अपने गांव व तहसील में प्रथम स्थान प्राप्त किया था फिर उसके बाद वह अपने सपनों को पूरा करने के लिया कानपुर गया,
और वह पर दलजीत पैरएसएफ और शुभम तोमर जैसे गुरु की शिक्षा ली, कानपुर डिफेंस जोन से लेकिन कुछ समय बाद अकेडमी बंद हो जाने की वजह से कानपुर डिफेंस एकेडमी से अपनी उड़ान शुरू की, 22 नवंबर को अपना सफलतापूर्वक दौड़ और शारीरिक प्रशिक्षण किया, 21 अप्रैल को मातृभूमि की सेवा करने के लिए भारत माँ के चरणों में पहुच गया ।