राजस्थान में पिछले करीब एक महीने से सियासी घमासान जारी था. कांग्रेस से सचिन पायलट के बागी तेवर अपनाने के बाद राज्य में अशोक गहलोत की सरकार पर संकट के बादल मंडरा रहे थे. हालांकि अब राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विश्वास मत हासिल कर लिया है.
विधानसभा में राजस्थान की अशोक गहलोत सरकार ने विश्वास मत जीत लिया है. ध्वनि मत से विश्वास प्रस्ताव पारित किया गया है. इसके बाद कांग्रेस विधायकों में खुशी की लहर देखी गई. वहीं अब राजस्थान में 21 अगस्त तक सदन को स्थगित किया गया है.
इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि आज बीजेपी के लोग बगुला भगत बन रहे हैं. सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली है. मैं 69 साल का हो गया, 50 साल से राजनीति में हूं. मैं आज लोकतंत्र को लेकर चिंतित हूं. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सम्माननीय नेता प्रतिपक्ष को कहना चाहूंगा कि आप चाहे कितनी भी कोशिश कर लो, मैं आपको कहता हूं कि मैं राजस्थान की सरकार को गिरने नहीं दूंगा.
वहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने अपने और वसुंधरा राजे के बीच के रिश्ते पर सफाई दी. गहलोत ने कहा कि ऐसा कहा रहा है कि हम आपस में मिले हुए हैं, मगर इसमें कोई सच्चाई नहीं है. मेरी उनसे कोई बातचीत नहीं होती है. मेरी तो इच्छा होती है कि एक बार वसुंधरा जी आएं और एक बार मैं आऊं. लेकिन इस बार कुछ लोगों ने सोचा कि मैं आ जाऊं और वसुंधरा को किनारे कर दूं.
कोरोना को लेकर अशोक गहलोत ने कहा कि कोरोना पर मैंने कोई भी राजनीति नहीं की. मुझे गर्व होता है कि राजस्थान को पूरे देश में उपलब्धि मिली थी, कोरोना में शानदार काम हुआ. एक इंसान की जिंदगी चली जाए कितना दुख होता है, यही सोचकर हमने अभियान चलाया. हमारी जंग जीवन और आजीविका को बचाने की है.