पड़ रहे है नन्हे कदम विज्ञान की राह पर – रचनाकार किरन पटेल (Kiran Patel)
कविता
पड़ रहे है
नन्हे कदम
विज्ञान की राह पर
आहिस्ता आहिस्ता।
छंट रहा है
ये सारा
ग्रतो गुबार
आहिस्ता आहिस्ता।
कुछ लड़कियां
दौड़ कर विज्ञान कक्ष
में आई
गांव में गिर रहा है
अंध्विश्वास का महल
आहिस्ता आहिस्ता।
आसान नही होता
अंध्विश्वास के सागर
से निकलना
विज्ञान विद्यार्थी ही
चढ़े सागरों को
पार करते हैं
आहिस्ता आहिस्ता।
हमसे सीखना है
विज्ञान तो जरा
सलीके से आओ
जैसे विद्यालय की
कतार में चलते है बच्चे
आहिस्ता आहिस्ता।
रचनाकार
किरन पटेल
पद-सहायक अध्यापक
विद्यालय-प्राथमिक विद्यालय बिजौली
शिक्षा क्षेत्र – अमौली
जनपद – फतेहपुर