बारिश होते ही धान की बेल या नर्सरी लगाने में जुटे किसान भाई
फतेहपुर –
खागा: कस्बे में सूखे की मार झेल रहे किसानों के लिए इस बार मानसून राहत लेकर आया है | मानसूनी बारिश इस बार समय से शुरू होते ही किसान धान की नर्सरी डालने के लिए खेतों की ओर रुख कर लिए हैं | समय से अगर धान की नर्सरी डाली जाएगी तो बारिश होने पर रोपाई भी समय से शुरू हो जाएगी | किसान नर्सरी के लिए खेत की तैयारी के साथ बेहन डालने में जुटे हैं | बारिश से धान की नर्सरी डालने के लिए अनुकूल है | किसान खेत नर्सरी तैयार करने में जुटे हैं | बारिश से धान की नर्सरी डालनेके लिएअनुकूल है | मध्यम व देर से पकने वाली किस्मों की बुआई जून से दूसरे हफ्ते तक और जल्दी पकने वाली किस्मों की बुआई जून के दूसरे हफ्ते से तीसरे हफ्ते तक करने का समय माना जाता है।
21 से 25 दिनों में धान की रोपाई पर मिलेगी अच्छी पैदावार
इस बार मानसूनी बारिश समय से होने पर किसान खेती-किसानी में जुट गया है | कृषि विभाग के अधिकारियों की मानें तो धान की नर्सरी डालने के लिए 21 से 25 दिनों के अंदर रोपाई कर देनी चाहिए | इससे अच्छी पैदावार होगी | देर से रोपाई करने पर पैदावार प्रभावित होती है | अगर धान की नर्सरी डालने के एक महीने बाद रोपाई करेंगे तो प्रतिदिन 40 किग्रा. प्रति हेक्टेयर की दर से पैदावार में कमी आएगी।
5400 हेक्टेयर में होगी नर्सरी-
जिले में 5400 हेक्टेयर क्षेत्रफल में धान की नर्सरी का लक्ष्य निर्धारित किया गया है | अब तक लगभग लक्ष्य पूरा होने के करीब है।
कृषि अधिकारी की जुबानी
धान की नर्सरी डालने का इस समय पीक आॅवर चल रहा है | नर्सरी डालते समय खेत में अधिक पानी नही होना चाहिए | नही तो धूप में पानी के गरम होने पर बीज का जमाव प्रभावित हो सकता है | किसान नर्सरी डालने से पहले उन्नतशील बीज का चयन कर लें | बीज जनित बीमारियों से बचाव के लिए बीज का शोधन अवश्य करें | ब्रजेश सिंह,कृषि अधिकारी