अयोध्या पर आया SC का फैसला, पीएम मोदी बोले- अब वक्त भारतभक्ति का
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Prime minister Narendra Modi |
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया. कोर्ट ने 2.77 एकड़ की विवादित भूमि रामलला विराजमान को सौंप दी है. वहीं मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ भूमि दी जाएगी. शिया वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े का दावा कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट के फैसले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसे किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. पीएम मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट किए.
- सुप्रीम कोर्ट ने रामलला विराजमान को दी विवादित भूमि
- मुस्लिमों को अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिए जमीन मिलेगी
अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने शनिवार को ऐतिहासिक फैसला सुनाया. कोर्ट ने 2.77 एकड़ की विवादित भूमि रामलला विराजमान को सौंप दी है. वहीं मुस्लिम पक्ष को अयोध्या में ही 5 एकड़ भूमि दी जाएगी. शिया वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़े का दावा कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट के फैसले के बाद पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि इसे किसी की हार या जीत के रूप में नहीं देखा जाना चाहिए. पीएम मोदी ने सिलसिलेवार ट्वीट किए.
उन्होंने लिखा, सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला सुना दिया है. इसे हार या जीत के तौर पर न देखें. रामभक्ति हो या रहीमभक्ति, ये समय हम सभी के लिए भारतभक्ति की भावना को सशक्त करने का है. देशवासियों से मेरी अपील है कि शांति, सद्भाव और एकता बनाए रखें. दूसरे ट्वीट में पीएम ने लिखा, सुप्रीम कोर्ट का यह फैसला कई वजहों से महत्वपूर्ण है. यह बताता है कि किसी विवाद को सुलझाने में कानूनी प्रक्रिया का पालन कितना अहम है. हर पक्ष को अपनी-अपनी दलील रखने के लिए पर्याप्त समय और अवसर दिया गया. न्याय के मंदिर ने दशकों पुराने मामले का सौहार्दपूर्ण तरीके से समाधान कर दिया.
ऐतिहासिक फैसला देते हुए कोर्ट ने कहा, आस्था के आधार पर जमीन का मालिकाना हक नहीं दिया जा सकता. फैसला कानून के आधार पर ही दिया जाएगा. कोर्ट ने शिया वक्फ बोर्ड और निर्मोही अखाड़ा की याचिकाओं को खारिज कर दिया है.
कोर्ट ने कहा कि 6 दिसंबर 1992 को मस्जिद का ढांचा गिरा दिया गया था. यह कानून का उल्लंघन था. रेलिंग 1886 में लगाई गई थी और 16 दिसंबर 1949 को आखिरी नमाज अदा की गई थी. शीर्ष अदालत ने कहा, दस्तावेजों से पता चलता है कि 1885 से पहले हिंदू अंदर पूजा नहीं करते थे. बाहरी अहाते में रामचबूतरा सीता रसोई में पूजा करते थे.