समाज के एक उस तबके को जिसको समाज ने नकार दिया है वेश्याओं को बहुत ही बुरा माना जाता है यहां तक कि अगर इनका नाम किसी पति के साथ जुड़ जाए तो उस व्यक्ति का सम्मान तक दांव पर लग जाता है ।।
वही नवरात्रों के समय मां दुर्गा की मूर्ति बनाने के लिए तवायफ के आंगन की मिट्टी बेहद जरूरी इसके बिना आज तक कोई भी मूर्ति पूरी नहीं हो पाई है !
जैसे कि आपने देवदास पिक्चर में पारो को चंद्रमुखी के कोठे में जाते हुए देखा होगा जो कि एक तवायफ थी
जैसे कि आपने देवदास पिक्चर में पारो को चंद्रमुखी के कोठे में जाते हुए देखा होगा जो कि एक तवायफ थी
इसके पीछे की चार अहम वजहें हम आपको बताते हैं
1-ऐसा माना जाता है कि नवरात्रों के समय जब पंडित किसी तवायफ के आंगन पर जाता है तो अपनी सारी अच्छाइयां सारे पुण्य वह वहीं छोड़ कर आता है जिससे समाज के इस तबके का भी भला हो सके ।
2- दूसरी वजह यह भी मानी जाती है की एक तवायफ जो कि मां दुर्गा की बहुत बड़ी भक्त थी उसको मां दुर्गा ने वरदान दिया था कि उसके आंगन की मिट्टी के बिना मेरी मूर्ति पूरी नहीं की जा सकती
3-तीसरी वजह या अभी कहीं जाती है कि जिस तबके को पूरे वर्ष या हमेशा ही गंदी नजरिया गिरी हुई नजरों से देखा जाता है कोई भी मान और सम्मान नहीं दिया जाता है वहीं कुछ समय के लिए ही सही पर उन्हें भी सम्मान महसूस होता है ।।
4- चौथी और अंतिम सबसे बड़ी वजह यह भी है कि समाज में अच्छाइयों और बुराइयों को एक साथ मिलकर रहना पड़ता है और समय आने पर दोनों को मिलकर आस्था और सौहार्द के पावन पर्व में खुशियों का बंटवारा सबके लिए करना होता है ।