नई दिल्ली: भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) (RBI) ने बैंकों को सभी लोन रेपो रेट से जोड़ने का आदेश दिया है. बुधवार को जारी आदेश में कहा गया है कि सभी बैंक 1 अक्टूबर से रेपो रेट के साथ होम लोन, ऑटो लोन, पर्सनल लोन और एमएसएमई सेक्टर के सभी प्रकार के लोन को जोड़ें. साथ ही रेपो जैसे बाहरी बेंचमार्क के तहत ब्याज दरों में 3 महीने में कम से कम एक बार बदलाव करने को कहा गया है. यहां बता दें कि करीब एक दर्जन बैंक पहले ही अपनी ऋण दर को रिजर्व बैंक की रेपो दर से जोड़ चुके हैं. आरबीआई के इस कदम से सीधे-सीधे आम आदमी को फायदा होगा. बैंकों में आरबीआई का आदेश पारित होते ही होम लोन, पर्सनल लोन और बिजनेस लोन वालों की ईएमआई कम होगी.
zeebiz की खबर के मुताबिक भारतीय रिजर्व बैंक (Reserve Bank of India) ने सभी बैंकों को आवास, निजी और सूक्ष्म, लघु एवं मझोले उपक्रमों को सभी नए फ्लोटिंग दर वाले कर्ज को रेपो दर सहित बाहरी मानकों से जोड़ने का निर्देश दिया है. इससे नीतिगत ब्याज दरों में कटौती का लाभ कर्ज लेने वाले उपभोक्ताओं तक अपेक्षाकृत तेजी से पहुंचने की उम्मीद है.
रिजर्व बैंक ने कहा कि ऐसा देखने को मिला है कि मौजूदा कोष की सीमान्त लागत आधारित ऋण दर (एमसीएलआर) व्यवस्था में नीतिगत दरों में बदलाव को बैंकों की ऋण दरों तक पहुंचाना कई कारणों से संतोषजनक नहीं है.