
बुलंदशहर के चोला थाना क्षेत्र के गांव बड़ौदा निवासी गजराज सिंह के 27 वर्षीय पुत्र रंजीत की सड़क दुर्घटना में मौत के बाद बुधवार की रात्रि माहौल तनावपूर्ण हो गया। रंजीत 13 अप्रैल की सुबह मूंग का बीज लेने घर से निकला था, लेकिन देर शाम तक वापस न लौटने पर परिजनों को चिंता हुई।
गजराज सिंह द्वारा किए गए फोन कॉल पर एक अज्ञात व्यक्ति ने बताया कि रंजीत का एक्सीडेंट हो गया है और उसे सिकंदराबाद के एक निजी अस्पताल में भर्ती कराया गया है। परिजन तत्काल मौके पर पहुंचे और हालत गंभीर देखते हुए रंजीत को नोएडा के एक निजी अस्पताल में शिफ्ट किया गया, जहां उपचार के दौरान रात्रि में उसकी मृत्यु हो गई।
शव गांव पहुंचते ही फूटा गुस्सा, रोड पर रखकर किया जाम
जब शव गांव पहुंचा, तो परिजनों ने पुलिस पर मुकदमा दर्ज न करने का आरोप लगाते हुए नाराजगी जाहिर की। देखते ही देखते दर्जनों ग्रामीण इकट्ठा हो गए और शव को दुहलेरा गांव के पास रोड पर रखकर जाम लगा दिया। ग्रामीणों ने पुलिस के खिलाफ नारेबाजी की और स्थिति बेकाबू होती गई।
पत्रकारों और पुलिस से बदसलूकी, महिला द्वारा धमकी
हंगामे के दौरान कुछ उपद्रवियों ने पत्रकारों के साथ मारपीट, गाली-गलौच और मोबाइल छीनने की कोशिश भी की। पत्रकारों को धमकियां भी दी गईं। एक महिला रम्पो उर्फ सुनीता पत्नी रामवीर निवासी दुहलेरा द्वारा खुलेआम कहा गया कि पत्रकारों को “घर से खिंचवा खिंचवा कर मरवाया जाएगा”। यह धमकी पुलिस की मौजूदगी में दी गई।
पुलिस बल तैनात, सीओ ने दी जानकारी
स्थिति को संभालने के लिए भारी पुलिस बल को मौके पर तैनात किया गया। सिकंदराबाद क्षेत्राधिकारी पूर्णिमा सिंह ने बताया कि परिजनों ने पहले केवल एक्सीडेंट की तहरीर दी थी, जबकि नामजद तहरीर दो दिन बाद 15 अप्रैल को दी गई, जिस कारण मुकदमा दर्ज होने में देरी हुई। अब मुकदमा पंजीकृत कर परिजनों को रिसीविंग दे दी गई है।
उन्होंने बताया कि स्थिति तनावपूर्ण थी, भीड़ ने पुलिस से भी धक्का मुक्की की, जिसके चलते थोड़ा बल प्रयोग करना पड़ा, मगर शव का अंतिम संस्कार शांति पूर्वक करा दिया गया है।
रिपोर्ट
सतीश कुमार गौड़ बुलंदशहर