
“
बांदा। “जेल केवल दंड का नहीं, सुधार का स्थान है” – इसी उद्देश्य को साकार करते हुए गायत्री परिवार ने बांदा जिला कारागार में ‘वन्दी साधना अभियान’ का शुभारंभ किया। उपजोन चित्रकूट एवं बांदा गायत्री परिवार के तत्वावधान में इस अभियान के तहत कारागार में युग साहित्य व पुस्तकालय हेतु आलमारी भेंट की गई। यह सौगात भोपाल के समाजसेवी इं. प्रेमलाल कुशवाहा के सौजन्य से दी गई।
गायत्री शक्तिपीठ के संचालक डॉ. रामनारायण त्रिपाठी ने इस अवसर पर कहा कि कारागार को सुधार गृह के रूप में परिवर्तित करना समय की आवश्यकता है। अखिल विश्व गायत्री तीर्थ शांतिकुंज, हरिद्वार के निर्देशानुसार उत्तर प्रदेश व मध्यप्रदेश की जेलों में ‘वन्दी साधना कार्यक्रम’ के माध्यम से जेलों को गुरुकुल साधना स्थली बनाने का प्रयास हो रहा है। चिंतन, साधना और आत्मनिरीक्षण के लिए यह एक उत्तम स्थान है, जहां वंदी आत्म-परिवर्तन की दिशा में अग्रसर हो सकते हैं।
भोपाल से आए अभियान संयोजक इं. प्रेमलाल कुशवाहा ने विचारों की शक्ति पर बल देते हुए कहा कि “व्यक्ति बुरे विचारों के कारण जेल तक आता है और अच्छे विचारों से जीवन का पुनर्निर्माण करता है।” उन्होंने युगऋषि पं. श्रीराम शर्मा आचार्य द्वारा रचित 3250 पुस्तकों का उल्लेख करते हुए बताया कि इस साहित्य ने करोड़ों लोगों का जीवन बदला है। आज गायत्री परिवार विश्व का सबसे बड़ा आध्यात्मिक परिवार बन चुका है, जो 100 से अधिक देशों में सक्रिय है।
उपजोन समन्वयक रामशंकर द्विवेदी ने वचनबद्ध होकर कहा कि सभी परिजन मिलकर बांदा कारागार में ‘वन्दी साधना अभियान’ को गति देंगे। इस अवसर पर बंदियों ने मंत्र लेखन, गायत्री मंत्र जप तथा एक बुराई को त्यागने का संकल्प लिया। साथ ही भविष्य में 24 कुण्डीय गायत्री यज्ञ आयोजन हेतु जेल प्रशासन द्वारा संकल्प भी लिया गया।
इस प्रेरणादायी कार्यक्रम में प्रमुख रूप से रामचंद्र गुप्ता, रवि दोसर, राजेंद्र तिवारी, नवीन निगम, रामशरण शास्त्री, बृजेश त्रिपाठी, रामजानकी शुक्ला, गीता द्विवेदी, अरुण निगम, राजकुमार ओझा, अनीता सिंह समेत कई श्रद्धालु व परिजन उपस्थित रहे।