
– विधिक जागरुकता शिविर का हुआ आयोजन
बांदा। सोमवार को जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, बांदा के तत्वावधान में तथा श्रम विभाग के सहयोग से अटल आवासीय विद्यालय, ग्राम अछरौड़-बांदा में राष्ट्रीय मजदूर दिवस के अवसर पर छात्र-छात्राओं को शिक्षा का अधिकार अधिनियम-2009 तथा संगठित व असंगठित क्षेत्रों में कार्य करने वाले श्रमिकों को प्राप्त निःशुल्क विधिक सहायता के सम्बंध में विधिक जागरुकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर की अध्यक्षता श्रीपाल सिंह,अपर जिला जज/सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा की गयी।श्रीपाल सिंह,अपर जिला जज/सचिव,जिला विधिक सेवा प्राधिकरण ने अपने सम्बोधन में कहा कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम प्राथमिक विद्यालयों के लिए बुनियादी मानक स्थापित करता हैं और प्रवेश शुल्क व बाल साक्षात्कार का विरोध करता हैं एवं गैर मान्यता प्राप्त संस्थानों के संचालन पर रोक लगाता हैं। किसी भी बच्चें को किसी भी प्रकार का शुल्क,प्रभार या व्यय देने की आवश्यकता नहीं होगी,जो उसे प्राथमिक शिक्षा प्राप्त करने और उसे पूरा करने में बाधा डालें, सिवाय उस बच्चें के जिसे उसके माता-पिता ने ऐसे स्कूल में दाखिला दिलाया हो जिसे सम्बन्धित सरकार वित्तपोषित नहीं करती हैं। यह अधिनियम विद्यालयों को किसी भी प्रकार का कम्पटीशन शुल्क लेने या प्रवेश के लिए छात्रों की स्क्रीनिंग करने से रोकता हैं। सभी विद्यालयों के लिए एक समान पाठ्यकम निर्धारित करता हैं ताकि सभी बच्चे गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्राप्त कर सकें।अनिवार्य शिक्षा अधिनियम के तहत 06 से 14 वर्ष की आयु के सभी बच्चों के लिए बुनियादी शिक्षा में प्रवेश,उपस्थिति और पूर्णता सुनिश्चित करने का दायित्व सक्षम सरकार और स्थानीय प्राधिकारियों पर हैं।सुमन शुक्ला स्वयं सेवक, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा अपने सम्बोधन में कहा गया कि शिक्षा का अधिकार अधिनियम 2009 के अन्तर्गत शिक्षा का अधिकार प्रत्येक बच्चें का मौलिक अधिकार हैं। प्रत्येक बच्चे या व्यक्ति को निःशुल्क प्राथमिक शिक्षा पाने अधिकार हैं, चाहें उसकी जाति,लिंग,राष्ट्रीयता या जातीयता कुछ भी हों। इस अधिनियम के तहत प्राईवेट / निजी स्कूलों में 25 प्रतिशत सीटें आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और वंचित समूहों के बच्चों के लिए आरक्षित की गयी हैं। इस प्राविधान का उद्देश्य समाज के सभी वर्गों के बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा प्रदान करना हैं, जिससे वे समाज में समान अवसर प्राप्त कर सकें। सन्तोष कुमार अग्रहरि सहायक श्रमायुक्त द्वारा अपने वक्तव्य में कहा गया कि इस दिन सभी क्षेत्रों में काम करने वाले श्रमिकों के योगदान को सम्मानित करने और उनके अधिकारों को मान्यता देने का अवसर होता हैं। यह केवल एक उत्सव नही बल्कि श्रमिक अधिकारों, निष्पक्ष श्रम नीतियों और सुरक्षित तथा समान कार्यस्थलों की आवश्यकता को रेखांकित करने का दिन भी हैं। देश में श्रमिकों के प्रमुख श्रम अधिकारों में उचित और समय पर वेतन पाने का अधिकार, सुरक्षित कार्यस्थल का अधिकार,ट्रेड यूनियन बनाने और उसमें शामिल होने का अधिकार,सामाजिक सुरक्षा लाभों का अधिकार व कार्यस्थल पर भेदभाव से सुरक्षा आदि के अधिकार प्रदान करता हैं।श्रमिक अधिकारों को सुदृढ़ करता है,मानवतापूर्ण कार्य घण्टे, सम्मान और नौकरी की सुरक्षा की मांग करता है। जनार्दन उपाध्याय, प्रधानाचार्य अटल आवासीय विद्यालय ने अपने सम्बोधन में देश के श्रमिकों के योगदान के फलस्वरुप उनके बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर उनका उज्जवल भविष्य बनाना यह हमारा अधिकार हैं और जिसके प्रति हम अग्रसर हैं। प्रधानाचार्य द्वारा शिविर के अन्त में उपस्थित सभी अतिथिगण का, अभिभावकों व छात्र-छात्राओं का आभार व्यक्त किया। इस शिविर में कैप्टन अनिल कुमार, प्रशासनिक अधिकारी अटल आवासीय विद्यालय एवं दुष्यन्त कुमारएल.ई.ओ.सुनील शुक्ला श्रम सहाय के अतिरिक्त अन्य वक्ताओं ने भी अपने अपने विचार रखें। शिविर का संचालन डा० वी०के शर्मा द्वारा किया गया। इस अवसर पर ज्योतसना राय,अंजनी शर्मा,रुचि गुप्ता व राशिद अहमद डी.ई.ओ.जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के साथ समस्त छात्र-छात्राएं उपस्थित रही।
रिपोर्ट
शिवम सिंह ब्यूरो चीफ बांदा