
“सुशासन तिहार” के बीच सुशासन की पोल खुली
रिपोर्ट: सुखदेव सिंह आज़ाद, जिला ब्यूरो चीफ़ — जहांगीर, चांपा | प्रधान संपादक: बेअंत सिंह, इंडिपेंडेंट इंडिया न्यूज़ नेटवर्क
सारंगढ़-बिलाईगढ़, छत्तीसगढ़: जिले की नगर पंचायत बिलाईगढ़ में इस समय एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें नगर पंचायत के सीएमओ सुशील चौधरी पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि उन्होंने जनसेवा के भाव से प्रस्तुत एक नागरिक आवेदन को बिना कार्यवाही किए निराकृत कर दिया और बाद में जब मामला मीडिया में आया, तो बदले की भावना से आवेदक पर झूठा कारण बताओ नोटिस थोप दिया।
💥 मामला क्या है?
“सुशासन तिहार 2025” के तहत समाजसेवी अरुण ग्रेवाल ने वार्ड क्रमांक 10 से जुड़ी जनसमस्याओं पर ध्यान दिलाते हुए एक आवेदन प्रस्तुत किया था। लेकिन सीएमओ ने बिना कोई ठोस कार्यवाही किए, आवेदन को व्यक्तिगत और मनगढ़ंत तर्कों के आधार पर खारिज कर दिया।
जब इस बात को मीडिया में प्रमुखता से उठाया गया, तो सीएमओ बौखला गए और अरुण ग्रेवाल पर शांति भंग व अवैध निर्माण कार्य के आरोप में कारण बताओ नोटिस जारी कर दिया।
❌ लेकिन सच्चाई क्या है?
अरुण ग्रेवाल का साफ कहना है कि:
उन्होंने नगर के किसी भी वार्ड में न कोई वैध और न कोई अवैध निर्माण कार्य किया है।
सीएमओ की यह कार्यवाही बदले की भावना, मानसिक उत्पीड़न और छवि खराब करने का प्रयास है।
वे इस बात से भयभीत हैं कि कहीं कार्यालयीन कागजों में छेड़छाड़ कर उन्हें किसी झूठे मामले में फँसाया न जाए।
🚨 पुलिस थाने में शिकायत
इस संबंध में अरुण ग्रेवाल ने थाना बिलाईगढ़ में सीएमओ सुशील चौधरी के खिलाफ मानसिक उत्पीड़न और बदनीयती से कार्यवाही करने का मामला दर्ज करने की गुहार लगाई है।
🔍 अब निगाहें शासन-प्रशासन पर
अब यह देखना दिलचस्प होगा कि शासन-प्रशासन इस गंभीर मामले में किस तरह की निष्पक्ष और पारदर्शी कार्रवाई करता है।
क्या एक समाजसेवी की आवाज़ को दबा दिया जाएगा या सुशासन के नाम पर हो रहे दुर्व्यवहार का अंत होगा?