
चित्रकूट, कर्वी।
चित्रकूट डिपो के कर्वी बस स्टेशन पर कार्यरत डिपो इंचार्ज प्रेमलाल सिंह पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि डिपो में अपने प्रभाव और पद का दुरुपयोग करते हुए उन्होंने वर्षों से न केवल अपने रिश्तेदारों की नियुक्तियाँ करवाईं, बल्कि डिपो को अवैध वसूली का अड्डा बना दिया है।
विश्वसनीय सूत्रों के अनुसार, प्रेमलाल सिंह के भाई राजेन्द्र प्रसाद सिंह, जो कि टीआई पद पर रहते हुए जनवरी 2024 में रिटायर हुए, रिटायरमेंट के बाद भी पूछताछ कक्ष में बैठकर परिचालकों से अवैध वसूली करते रहे। इसके बाद जनवरी 2025 में संविदा के माध्यम से पुनः नियुक्ति मिलने पर, उन्होंने ड्यूटी से हटकर केवल वसूली के कार्य को प्राथमिकता दी।
सबसे गंभीर आरोप यह है कि उन्होंने यात्री सुविधा मद से ₹10,000 का फर्जी वाउचर बनाकर गबन किया। जब हाल ही में डिपो में आउटसोर्स प्रक्रिया से एक नया डिपो इंचार्ज नियुक्त किया गया, तब प्रेमलाल सिंह ने अपना मानसिक संतुलन खोते हुए एक सहकर्मी को एआएम के सामने अभद्र भाषा में गालियाँ दीं और जान से मारने की धमकी भी दी।
घटना के बाद जब पीड़ित सहकर्मी ने आरएम और यूनियन पदाधिकारियों को शिकायत पत्र दिया और सीसीटीवी फुटेज की मांग की, तो पता चला कि पूछताछ कक्ष और एआएम ऑफिस के सीसीटीवी कैमरे बंद करा दिए गए हैं। इतना ही नहीं, आरोप यह भी है कि पिछले दो महीने की रिकॉर्डिंग जानबूझकर नष्ट करवाई गई ताकि साक्ष्य मिटाए जा सकें।
प्रेमलाल सिंह द्वारा कथित रूप से कहा गया, “यहाँ हमारा राज है, आरएम और एआएम हमारे अपने हैं। अगर ज्यादा उछले तो सस्पेंड करवा देंगे।” इस बयान ने पूरे परिवहन विभाग में हड़कंप मचा दिया है।
इस पूरे प्रकरण के बाद शिकायतकर्ता का ट्रांसफर बांदा कर दिया गया, जिससे सवाल उठ रहे हैं कि क्या यह एकतरफा राज स्थापित करने की साजिश है?
अब सवाल यह है कि क्या परिवहन विभाग ऐसे भ्रष्ट अधिकारियों पर कोई सख्त कार्यवाही करेगा या फिर आम कर्मचारी और जनता इसी तरह शोषण और अन्याय का शिकार होती रहेगी?
रिपोर्ट
अमर पाल बरेली संवाददाता