

कानपुर के दुकानदार का अनोखा ऑफर, सोशल मीडिया पर मची हलचल
कानपुर: मार्केटिंग के नए-नए तरीके अपनाने वाले दुकानदारों की कोई कमी नहीं है, लेकिन कानपुर के एक व्यापारी ने ग्राहकों को लुभाने के लिए अनोखा ऑफर दिया है। उनका कहना है कि जो भी उनकी इंस्टाग्राम रील शेयर करेगा, उसे फ्री में सोने की कील (गोल्ड पिन) दी जाएगी। यह ऑफर सुनते ही सोशल मीडिया पर हंगामा मच गया और दुकान के बाहर ग्राहकों की भीड़ लग गई।
सोशल मीडिया प्रमोशन का अनोखा तरीका
कानपुर के प्रतिष्ठित सर्राफा बाजार में स्थित श्रीराम ज्वेलर्स के मालिक अमित वर्मा ने इस अनोखे ऑफर की शुरुआत की है। उनका कहना है कि आज के समय में डिजिटल प्रमोशन सबसे ज्यादा कारगर है, और इसी सोच के साथ उन्होंने यह स्कीम चलाई।
अमित वर्मा ने बताया, “सोशल मीडिया पर प्रमोशन के लिए बड़े ब्रांड लाखों रुपये खर्च करते हैं। मैंने सोचा कि क्यों न अपने ग्राहकों को ही इसका फायदा दिया जाए? जो भी मेरी रील को इंस्टाग्राम पर शेयर करेगा और दुकान पर दिखाएगा, उसे एक छोटी गोल्ड पिन मुफ्त में दी जाएगी।”
सोशल मीडिया पर छाया ऑफर
जैसे ही यह स्कीम वायरल हुई, इंस्टाग्राम और फेसबुक पर #GoldPinOffer ट्रेंड करने लगा। कई लोगों ने इस ऑफर का फायदा उठाने के लिए अमित वर्मा की रील शेयर करनी शुरू कर दी। कुछ ही घंटों में उनकी रील पर हजारों लाइक्स और शेयर आ गए।
ग्राहकों का कहना है कि यह ऑफर न सिर्फ आकर्षक है, बल्कि दुकानदारों के लिए एक नया बिजनेस आइडिया भी हो सकता है। एक ग्राहक ने मजाक में कहा, “अगर हर दुकान वाला ऐसा करने लगे तो लोग सिर्फ शेयर कर-करके अमीर हो जाएंगे!”
क्या है ऑफर की सच्चाई?
हालांकि, कई लोगों को इस ऑफर पर शक भी हो रहा है। कुछ लोगों का कहना है कि इतनी आसानी से गोल्ड पिन देना संभव नहीं है। जब इस बारे में दुकानदार से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि गोल्ड पिन असली सोने की ही है, लेकिन बहुत हल्की और छोटी है, जिसका मूल्य कुछ सौ रुपये है।
व्यापारी बोले- ‘बिक्री बढ़ाने का अनोखा तरीका’
अमित वर्मा का कहना है कि उनका मकसद सिर्फ प्रचार नहीं, बल्कि ज्यादा से ज्यादा ग्राहकों को अपनी दुकान तक लाना है। “अगर ग्राहक एक बार आएंगे, तो वे हमारी गुणवत्ता और सर्विस को देखकर बार-बार लौटेंगे। ये ऑफर उन्हें आकर्षित करने का एक तरीका है,” उन्होंने कहा।
लोगों की राय और प्रशासन की नजर
कुछ लोगों ने इस ऑफर को शानदार बिजनेस स्ट्रेटेजी बताया, तो कुछ ने इसे गुमराह करने वाली मार्केटिंग कहा। वहीं, स्थानीय प्रशासन भी इस मामले पर नजर बनाए हुए है ताकि कहीं यह स्कीम किसी धोखाधड़ी का हिस्सा न निकले।