

दिल्ली: अमेरिका से भारतीय नागरिकों को जबरन और अमानवीय तरीके से निर्वासित किए जाने के खिलाफ आज संसद के बाहर जोरदार प्रदर्शन किया गया। प्रदर्शनकारियों ने इसे न केवल मानवाधिकारों का उल्लंघन बताया, बल्कि भारतीय समाज और संस्कृति का भी अपमान करार दिया।
प्रदर्शन में शामिल लोगों ने कहा, “ये हमारे लोग हैं, हमारे भाई-बहन हैं। उन्हें अपराधियों की तरह बेइज्जत किया जा रहा है। यह बर्दाश्त से बाहर है।” प्रदर्शनकारियों ने तख्तियां और बैनर लेकर नारे लगाए, जिन पर लिखा था, ‘हिन्दुस्तानियों का अपमान, नहीं सहेगा हिंदुस्तान!’
प्रदर्शनकारियों ने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि यह सरकार अपने ही नागरिकों के अधिकारों की रक्षा करने में असमर्थ है। उन्होंने सवाल उठाया, “क्या विदेशों में भारतीयों का अपमान होते देखना ही सरकार की विदेश नीति है? मोदी सरकार को तुरंत इस पर जवाब देना होगा और भारतीयों की गरिमा की रक्षा के लिए ठोस कदम उठाने होंगे।”
प्रदर्शन का मुख्य नारा ‘Humanity, Not Handcuffs’ था, जिसमें यह संदेश दिया गया कि किसी भी इंसान के साथ ऐसा व्यवहार नहीं होना चाहिए। प्रदर्शनकारियों ने अमेरिका के इस कदम को मानवता के खिलाफ करार दिया और इसे तुरंत रोकने की मांग की।
यह विरोध प्रदर्शन विदेशों में रह रहे भारतीय समुदाय के अधिकारों और उनकी सुरक्षा के मुद्दे को लेकर देश में गहराते आक्रोश का प्रतीक बन गया है।
संवाददाता: दिल्ली