

प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में जहां श्रद्धालु आस्था की डुबकी लगा रहे हैं, वहीं यह मेला हजारों लोगों के लिए कमाई का बड़ा जरिया भी बना हुआ है। इसी बीच एक नाविक परिवार ने अपनी जबरदस्त कमाई से सबको हैरान कर दिया है। बताया जा रहा है कि इस परिवार ने महज 45 दिनों में नाव चलाकर 30 करोड़ रुपये की कमाई कर ली। इस अनोखी उपलब्धि की चर्चा खुद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी की है।
कैसे हुई इतनी बड़ी कमाई?
महाकुंभ के दौरान गंगा नदी में नाव सेवा की भारी मांग रहती है। श्रद्धालु संगम स्नान और गंगा की सैर के लिए घंटों इंतजार करते देखे गए हैं। इस नाविक परिवार ने अपनी नावों की संख्या और सेवाओं को व्यवस्थित ढंग से बढ़ाकर मेले में अधिकतम लाभ उठाया।
स्थानीय प्रशासन के अनुसार, इस परिवार के पास सैकड़ों नावें हैं, जिनमें साधारण से लेकर मोटरबोट तक शामिल हैं। एक नाव का किराया प्रति व्यक्ति 100 रुपये से लेकर 5000 रुपये तक होता है, जो नाव के प्रकार और यात्रा की दूरी पर निर्भर करता है। मेले में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ और नावों की जबरदस्त मांग ने इस परिवार को करोड़ों रुपये कमाने का अवसर दिया।
सीएम योगी ने भी की तारीफ
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस परिवार की मेहनत और सूझबूझ की सराहना करते हुए कहा कि महाकुंभ ने स्थानीय रोजगार को बढ़ावा दिया है। यह उदाहरण दर्शाता है कि सही रणनीति और मेहनत से कोई भी व्यक्ति अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकता है।
स्थानीय व्यवसायों को भी फायदा
महाकुंभ न केवल धार्मिक आयोजन है, बल्कि यह स्थानीय कारोबारियों, दुकानदारों, होटल मालिकों और नाविकों के लिए भी सुनहरा अवसर होता है। लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी से होटल, रेस्टोरेंट, ऑटो-रिक्शा, गाइड सेवाओं और हस्तशिल्प उद्योग को भी बड़ा लाभ हुआ है।
नाविकों के लिए नई संभावनाएं
इस उपलब्धि के बाद प्रयागराज और वाराणसी के नाविक समुदाय में उत्साह है। कई परिवार अब अपनी नावों की संख्या बढ़ाने और बेहतर सुविधाएं देने की योजना बना रहे हैं।
महाकुंभ न केवल आस्था और परंपरा का संगम है, बल्कि यह आर्थिक समृद्धि की भी नई राहें खोल रहा है।