
शाही बरेली
रिपोर्टर ओमवीर सिंह
वीर अब्दुल हमीद का जन्म १जुलाई १९३३ को उत्तर प्रदेश के गाजीपुर जिले के धामूपुर गांव में एक साधारण परिवार में हुआ था। इनकी माता का नाम सकीना बेगम तथा पिता का नाम मोहम्मद उस्मान था।बह भारतीय सेना की 4 ग्रेनेडियर में ‘कम्पनी क्वार्टर मास्टर हवलदार ‘ के पद पर तैनात थे। यह १९६५ भारत – पाकिस्तान युद्ध के दौरान खेमकरण सैक्टर के आसल उत्ताल में लड़े गये युद्ध में अद्भुत वीरता साहस का प्रदर्शन करते हुए १० सितंबर १९६५ को वीरगति को प्राप्त हुए। जिसके लिए उन्हें मरणोपरांत भारत का सर्वोच्च सेना पुरस्कार ‘परमवीर चक्र’ मिला।यह पुरस्कार उन्हें इस युद्ध जिसमें बह शहीद हुए के समाप्त होने से पहले १६ सितंबर १९६५ को घोषित हुआ।
शहीद होने से पहले वीर अब्दुल हमीद ने मात्र अपनी ‘गन माउन्टेड जीप’ से उस समय अजेय समझे जाने बाले पाकिस्तान के पैटर्न टैंकों को नष्ट किया।
गाजीपुर जिले का यह युवक २८ दिसंबर १९५४ को भारतीय सेना की ग्रेनेडियर रेजिमेंट में भर्ती हुआ था। उसके बाद इनकी तैनाती रेजिमेंट के 4 ग्रेनेडियर बटालियन में हुई जहां इन्होंने सैन्य सेवा तक अपनी सेवाएं दीं। वीर अब्दुल हमीद ने बटालियन के साथ आगरा, अमृतसर, जम्मू-कश्मीर, दिल्ली, नेफा और रामगढ़ में भारतीय सेना को अपनी सेवाएं दी।
वीर अब्दुल हमीद को मिला ‘परमवीर चक्र’ सम्मान इस बटालियन को भारत स्वतंत्रता पश्चात मिलने बाला सबसे बड़ा वीरता पुरस्कार था।
हम सभी भारतवासी भारत माता के वीर सपूत अब्दुल हमीद को उनकी जयंती पर कोटिश:नमन करते हैं