
साक्षरता के सापेक्ष निरक्षरता में होगा इजाफा :- मंडलाध्यक्ष
बांदा।उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा परिषदीय विद्यालयों के विलय संबंधी आदेश पर रोक लगाने के लिए आजाद अधिकार सेना ने कलेक्ट्रेट परिसर में नगर मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा।भारत सरकार के राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन में कहा गया कि प्रदेश सरकार ने बीती 16 जून को शासनादेश निर्गत कर 50 छात्रों से कम छात्र वाले विद्यालयों को विलय करने का जो आदेश दिया है,वह शिक्षा का अधिकार अधिनियम के पूरी तरह खिलाफ है।शिक्षा का अधिकार अधिनियम में हर बच्चे के घर से 1 किलोमीटर की दूरी पर प्राथमिक विद्यालय और 3 किलोमीटर की दूरी पर उच्च प्राथमिक विद्यालय होना आवश्यक है।प्राथमिक विद्यालय के लिए 300 और उच्च प्राथमिक विद्यालय के लिए 800 की आबादी का निर्धारण किया गया है।इस प्रकार सरकारी विद्यालयों का विलय पूरी तरह से गलत है का जिक्र करते हुए आजाद अधिकार सेना ने इसके साथ ही शिक्षकों को गैर शैक्षणिक कार्यों में नहीं लगाए जाने की मांग भी की है।साथ ही प्रत्यावेदन में निजी विद्यालयों द्वारा मनमाने ढंग से फीस और अन्य प्रकार की वसूली किए जाने तत्काल प्रभाव से रोक लगाए जाने की भी मांग की गई।सरकार के इस आदेश को ग्रामीणों और अभिभावकों ने गंभीरता से लिया है।स्कूलों के विलय से छोटे बच्चो को शिक्षा पाने के लिए दूर जाना पड़ेगा और संख्या वृद्धि के बजाए समस्या वृद्धि हो सकती है।मामले को लेकर प्रबुद्ध वर्ग सहित आम जनता भी गंभीर हो गई है और अगले सरकार के आदेश का इंतज़ार कर रही है।ज्ञापन सौंपते वक्त आस के मण्डल अध्यक्ष धीरज शर्मा के साथ जिलाध्यक्ष ब्रज बिहारी वाजपेई सहित कई लोग उपस्थित रहे।
रिपोर्ट
शिवम सिंह ब्यूरो चीफ बांदा