
मध्यप्रदेश। सरकारी स्कूलों में भ्रष्टाचार के नए-नए किस्से अक्सर सामने आते हैं, लेकिन इस बार मामला कुछ ज्यादा ही चौंकाने वाला है। प्रदेश के एक स्कूल में महज 4 लीटर पेंट से पुताई के नाम पर 168 मजदूर, 65 मिस्त्री और ₹1,06,000 का बिल पास किया गया। यह आंकड़े जितने हास्यास्पद हैं, उतने ही भ्रष्टाचार की गहराई को उजागर करने वाले भी हैं।
मामला सामने आने के बाद स्थानीय प्रशासन और शिक्षा विभाग में हड़कंप मच गया है। बताया जा रहा है कि ये पुताई कार्य कागजों पर हुआ और फर्जी बिलों के सहारे भारी रकम निकाली गई।
ग्रामीणों और सोशल मीडिया पर सक्रिय लोगों ने इस घोटाले की पोल खोली, जिसके बाद यह मामला चर्चा का विषय बन गया है। स्कूल भवन की असल हालत देखकर यह साफ समझा जा सकता है कि वहां कोई पुताई नहीं की गई।
इस मामले ने एक बार फिर सरकारी योजनाओं में निगरानी की कमजोरियों को उजागर कर दिया है। सवाल यह है कि जब इतनी बड़ी संख्या में मजदूर और मिस्त्री लगाए गए थे, तो यह काम जमीन पर क्यों नहीं दिख रहा?
अब देखना यह है कि जिम्मेदार अफसरों और संबंधित ठेकेदारों पर क्या कार्रवाई होती है, या फिर यह मामला भी बाकी घोटालों की तरह धीरे-धीरे ठंडे बस्ते में चला जाएगा।
रिपोर्ट
अंकित कुमार संवाददाता फतेहपुर