

बांदा 11 अप्रैल:
शुक्रवार को बांदा के कलेक्ट्रेट परिसर में उस समय हलचल मच गई, जब एक सैकड़ा से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ता निजी विद्यालयों की मनमानी फीस वृद्धि के खिलाफ एकजुट होकर जिला अधिकारी कार्यालय पहुंचे। प्रदर्शनकारियों ने राज्यपाल के नाम एक ज्ञापन सौंपते हुए निजी स्कूलों की बढ़ती फीस, महंगे किताबें और यूनिफॉर्म की अनिवार्यता के खिलाफ अपनी नाराज़गी ज़ाहिर की।
कांग्रेसियों ने प्रदेश नेतृत्व के निर्देश पर यह विरोध दर्ज कराया और ज्ञापन के माध्यम से राज्यपाल से इस मुद्दे पर तत्काल हस्तक्षेप की मांग की। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र और प्रदेश की भाजपा सरकारें निजी स्कूल संचालकों के साथ मिलकर आम जनता को लूटने में लगी हैं। उनका कहना है कि सरकारें इस लूट पर आंखें मूंदे हुए हैं, जिससे आम आदमी की परेशानी बढ़ती जा रही है।
ज्ञापन में क्या कहा गया?
ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि उत्तर प्रदेश के अधिकांश निजी स्कूलों में नया सत्र आरंभ हो चुका है, और इसी के साथ स्कूलों ने फीस में बेतहाशा वृद्धि कर दी है। स्कूल प्रशासन न केवल फीस बढ़ा रहा है, बल्कि अभिभावकों को अपनी तयशुदा दुकानों से ही महंगे दामों पर किताबें और यूनिफॉर्म खरीदने के लिए मजबूर कर रहा है। यह पूरा तंत्र लूट का अड्डा बन चुका है।
कांग्रेस नेताओं ने कहा कि मौजूदा समय में भीषण महंगाई के कारण आम लोगों के लिए घर चलाना कठिन हो गया है। ऐसे में स्कूलों की यह मनमानी अभिभावकों पर अतिरिक्त मानसिक और आर्थिक बोझ डाल रही है, जो लोकतंत्र और कल्याणकारी राज्य की भावना के सर्वथा विपरीत है।
कांग्रेस की मांगें:
कांग्रेस पार्टी ने इस पूरी व्यवस्था की कड़ी निंदा करते हुए राज्यपाल से निम्नलिखित मांगें की हैं:
1. निजी स्कूलों की फीस, किताबों और यूनिफॉर्म को लेकर स्पष्ट, न्यायोचित और पारदर्शी नियमावली बनाई जाए।
2. अभिभावकों पर किसी विशेष दुकान से खरीददारी का दबाव डालने पर कानूनी कार्रवाई की जाए।
3. फीस निर्धारण के लिए एक स्वतंत्र निगरानी समिति का गठन किया जाए।
4. शिक्षा को व्यावसायिक लाभ से हटाकर जनसेवा की भावना से संचालित करने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।
सार्वजनिक हित में चेतावनी:
कांग्रेस नेताओं ने यह भी कहा कि यदि सरकार ने शीघ्र इस मामले में हस्तक्षेप नहीं किया, तो वे राज्यभर में चरणबद्ध आंदोलन करेंगे। जनता के शिक्षा अधिकार की रक्षा के लिए कांग्रेस पूरी मजबूती से सड़क पर उतरने को तैयार है।
इस विरोध प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने की प्रक्रिया में कई वरिष्ठ कांग्रेस नेता, महिला कार्यकर्ता, युवा मोर्चा के सदस्य तथा अभिभावक भी शामिल हुए।
रिपोर्ट
शिवम सिंह ब्यूरो चीफ बांदा