
रिपोर्ट: 15 अप्रैल, बरेली
उत्तर प्रदेश की कानून-व्यवस्था एक बार फिर सवालों के घेरे में है। बरेली के नैनीताल रोड स्थित मुड़िया मुकर्रमपुर टोल प्लाजा पर अधिवक्ता प्रीति सिंह और उनके परिवार के साथ हुई मारपीट और हमले की सनसनीखेज घटना ने सुरक्षा व्यवस्था की पोल खोल दी है।
दर्शन से लौट रही थी परिवार सहित महिला, टोल पर झेलनी पड़ी अभद्रता
प्रीति सिंह, जो एक अधिवक्ता हैं, अपने पति, बीमार माता-पिता और 3 वर्षीय मासूम बच्ची के साथ नानकमत्ता साहिब से दर्शन कर लौट रही थीं। रात करीब 8 बजे जब उनकी गाड़ी (CH01CK6355) मुड़िया टोल प्लाजा पहुंची, तो वहां मौजूद टोलकर्मियों ने सभी वाहनों को जानबूझकर करीब आधा घंटा रोके रखा।
गाली-गलौज, धक्का-मुक्की और चार गुना टोल वसूलने की धमकी
बातचीत करने पर टोलकर्मियों ने गाली-गलौज और धक्का-मुक्की शुरू कर दी। बीमार बुजुर्ग महिला की तबीयत बिगड़ गई और बच्ची डर के मारे कांपने लगी। गाड़ी पर वैरिकेड से हमला किया गया, जिससे वाहन क्षतिग्रस्त हो गया।
वीडियो बनाते ही डर गए टोलकर्मी, लेकिन आगे मिला और बड़ा खतरा
प्रीति सिंह द्वारा वीडियो रिकॉर्डिंग शुरू करने पर टोलकर्मी घबरा गए और वाहन को निकलने दिया। लेकिन कुछ ही दूरी पर 10–12 अज्ञात युवक डंडों और लोहे की रॉड के साथ खड़े थे। उन्होंने वाहन रोकने का प्रयास किया और रिकॉर्डिंग वाला मोबाइल छीनने की कोशिश की। महिला को शक हुआ कि यह सुनियोजित लूट और हमले की साजिश थी। समझदारी दिखाते हुए उन्होंने गाड़ी तेज की और वहां से भाग निकलीं।
थाने में शिकायत, FIR की मांग और सबूत सौंपे गए
प्रीति सिंह ने थाना बहेड़ी में शिकायत दर्ज कराई है और घटना के वीडियो व कुछ तस्वीरें पुलिस को सौंपी हैं। उन्होंने मांग की है कि टोल प्लाजा स्टाफ और अज्ञात हमलावरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए।
प्रशासन की भूमिका पर गंभीर सवाल
यह घटना टोल प्लाजा की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर प्रश्न खड़े करती है। अगर टोल पर पुलिस तैनात होती है, तो आखिर इतनी बड़ी घटना कैसे हो गई? क्या अब टोल वसूली के नाम पर गुंडागर्दी और हमले आम हो चुके हैं?
यदि समय रहते कार्रवाई नहीं हुई, तो आम नागरिकों के लिए टोल प्लाजा से गुजरना जानलेवा साबित हो सकता है।