
ग्राम जौहरपुर के मजरा चंदौखी में आयोजित सप्ताहिक श्रीमद्भागवत कथा के दूसरे दिन आचार्य गोपाल मिश्र जी महाराज द्वारा ध्रुव चरित्र, सती प्रसंग, राजा परीक्षित, कलियुग वर्णन, भीष्म पितामह और श्री शुकदेव जी की कथाओं का भावविभोर कर देने वाला वर्णन किया गया।
सती प्रसंग और शुकदेव जन्म की अलौकिक कथा
आचार्य जी ने शुकदेव जी के जन्म की कथा सुनाते हुए बताया कि भगवान शंकर द्वारा पार्वती को अमर कथा सुनाने के समय एक तोते का अंडा भी वहाँ उपस्थित था। कथा सुनते ही अंडा फूट गया और उसमें से श्री शुकदेव जी का प्राकट्य हुआ। कथा को पूरी तरह सुन लेने के कारण वे अमर हो गए।
जब पार्वती जी कथा के मध्य नींद में चली गईं, तो शंकर जी ने इसे अनधिकार श्रवण मानते हुए शुकदेव जी को मृत्युदंड देने का प्रयास किया, परंतु शुकदेव जी भागते-भागते व्यास जी के आश्रम पहुँचे और उनकी पत्नी के गर्भ में प्रविष्ट हो गए। 12 वर्षों के गर्भवास के बाद वे बाहर आए, और इस प्रकार एक महान संत का जन्म हुआ।
मानव जीवन का उद्देश्य – श्रीकृष्ण की प्राप्ति
आचार्य गोपाल मिश्र जी ने कहा कि मानव जीवन विषय भोग के लिए नहीं बल्कि कृष्ण भक्ति के लिए मिला है। श्रीमद्भागवत कथा श्रोता को मोक्ष की ओर ले जाती है। जो भी श्रद्धा से कथा श्रवण करता है, उसका जीवन धन्य हो जाता है।
विशिष्ट जनों की उपस्थिति से कथा में बढ़ा उत्साह
इस अवसर पर कथा परीक्षित लाखन सिंह और केशर सिंह, जिला पंचायत सदस्य बलवान सिंह, भाजपा नेता आनंद स्वरूप द्विवेदी, सभासद दीपू सोनी, निरंजन सिंह परमार, सुरेश सिंह, जोधा सिंह, भइयादीन सिंह, गोविंद सिंह, रामआसरे सिंह, राजीव सिंह, राहुल सिंह तथा रामसनेही चौहान समेत बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।
रिपोर्ट
शिवम सिंह ब्यूरो चीफ बांदा