
– अनुसूचित जाति उपयोजना अंतर्गत कृषि आदानों के वितरण कार्यक्रम का आयोजन
बांदा।
बांदा कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय के प्रसार निदेशालय द्वारा अनुसूचित जाति उपयोजना के तहत कृषि आदानों के वितरण कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम के मुख्य अतिथि कुलपति प्रो. एस.वी.एस. राजू ने उपस्थित लाभार्थी किसानों, महिलाओं और विश्वविद्यालय कर्मियों को संबोधित करते हुए कहा कि “सुरक्षित अन्न भंडारण कृषक हित का संरक्षण है।”
उन्होंने कहा कि भारत सरकार निरंतर कृषकों और ग्रामीण युवाओं के सर्वांगीण विकास के लिए प्रयासरत है, और कृषि विश्वविद्यालय सरकार के प्रति आभारी है कि उसे इस दिशा में कार्य करने का अवसर मिल रहा है। उन्होंने विशेष रूप से बुंदेलखंड क्षेत्र में गुणवत्तापूर्ण दलहनों के उत्पादन की सराहना की, लेकिन साथ ही यह चिंता भी व्यक्त की कि “अनुचित भंडारण व्यवस्थाओं के कारण लगभग 20 प्रतिशत दलहन एवं 12 प्रतिशत खाद्यान्न नष्ट हो जाते हैं।”
प्रसार निदेशालय द्वारा संचालित आदान वितरण एवं जागरूकता कार्यक्रमों की सराहना करते हुए कुलपति ने कहा कि इस प्रकार की तकनीकी सहायता किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध होगी।
कार्यक्रम का शुभारंभ मुख्य अतिथि के स्वागत से हुआ।
डा. नरेंद्र सिंह, सह निदेशक प्रसार ने अतिथियों का स्वागत किया और उपस्थित किसानों को अनाज भंडारण के महत्व की जानकारी दी। वहीं डा. आनंद सिंह ने अनुसूचित जाति उपयोजना के क्रियान्वयन की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि यह कार्यक्रम भारतीय दलहन अनुसंधान संस्थान, आईसीएआर-कानपुर के सहयोग से संचालित हो रहा है।
वर्ष 2024-25 में बुंदेलखंड के विभिन्न जनपदों में प्रसार निदेशालय के कृषि विज्ञान केंद्रों के समन्वय से लगभग 1500 अनुसूचित जाति के कृषकों, महिलाओं, पशुपालकों एवं युवाओं को विभिन्न कृषि आदानों का वितरण, प्रशिक्षण एवं साहित्य उपलब्ध कराया जाएगा।
प्रो. एन.के. बाजपेयी, निदेशक, प्रसार निदेशालय ने बताया कि आदानों का चयन “एक लाभार्थी, एक आदान” की नीति पर किया गया है और चयन कृषकों की मांग, उपयोगिता व शासन की प्राथमिकताओं के आधार पर सुनिश्चित किया गया है।
आज के कार्यक्रम में 6 ग्राम पंचायतों के 620 महिला एवं पुरुष कृषकों को उच्च गुणवत्ता की अनाज भंडारण टंकियां वितरित की गईं। आने वाले कार्यक्रमों में कृषि औजार, पशु आहार, गुणवत्तापूर्ण बीज व पौध, वर्मी कंपोस्ट इकाई, कुक्कुट पालन सामग्री, पौध रक्षा यंत्र आदि का वितरण प्रस्तावित है।
कार्यक्रम का संचालन कृषि विज्ञान केंद्र की प्रसार वैज्ञानिक डा. दीक्षा पटेल ने किया।