
बांदा। हर साल 19 अप्रैल को विश्व लिवर दिवस के रूप में मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य लोगों को लिवर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करना है। इस अवसर पर विशेषज्ञों ने साफ तौर पर कहा है कि आयुर्वेदिक उपायों और संतुलित जीवनशैली से लिवर को स्वस्थ और क्रियाशील बनाए रखा जा सकता है।
PGI चंडीगढ़ के एक अध्ययन के मुताबिक, देश में 53 प्रतिशत तक फैटी लिवर की समस्या बढ़ी है। इसका मुख्य कारण अनियमित खानपान, जंक फूड का अत्यधिक सेवन और गतिहीन जीवनशैली है। विशेषज्ञों का मानना है कि लिवर की बीमारियों से बचने के लिए सबसे पहले अपनी जीवनशैली और खानपान में सुधार लाना जरूरी है।
आयुर्वेद से लिवर की रक्षा संभव
आयुर्वेदाचार्य डॉ. सुनील द्विवेदी बताते हैं कि लिवर में स्वयं को पुनः स्वस्थ करने की अद्भुत क्षमता होती है, जिसे सही आहार और दिनचर्या से सक्रिय किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि शराब, प्रोसेस्ड फूड और अत्यधिक दवाओं का सेवन लिवर के लिए घातक है।
डॉ. द्विवेदी द्वारा सुझाए गए घरेलू उपाय:
लहसुन और प्याज: सल्फर यौगिकों से भरपूर ये खाद्य पदार्थ लिवर को डिटॉक्स करने में सहायक हैं।
आंवला: लिवर को साफ रखने और उसकी कार्यक्षमता बढ़ाने में मददगार।
हल्दी: इसमें मौजूद करक्यूमिन लिवर की सूजन को कम करता है।
ग्रीन टी: इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट लिवर स्वास्थ्य को बेहतर बनाते हैं।
गुनगुना नींबू पानी: सुबह खाली पेट पीने से पाचन तंत्र और लिवर की सफाई होती है।
पपीते के बीज: प्राकृतिक रूप से लिवर को डिटॉक्सीफाई करते हैं।
गिलोय का रस: लिवर को विषाक्त पदार्थों से बचाता है।
मूली: इसमें मौजूद पोषक तत्व लिवर के लिए बेहद लाभकारी हैं।
स्वस्थ लिवर के लिए जरूरी टिप्स:
संतुलित व पौष्टिक आहार लें।
अत्यधिक मीठा और प्रोसेस्ड फूड से बचें।
शराब का सेवन पूरी तरह बंद करें।
बिना डॉक्टर की सलाह के सप्लीमेंट या दवाएं न लें।
नियमित व्यायाम करें।
समय-समय पर हेपेटाइटिस बी और सी की जांच कराएं।
विशेषज्ञों का कहना है कि अगर लोग सिर्फ अपने खानपान और जीवनशैली पर ध्यान दें, तो लिवर से जुड़ी बीमारियों का खतरा काफी हद तक कम किया जा सकता है।
रिपोर्ट
शिवम सिंह ब्यूरो चीफ बांदा