
नरैनी (बांदा)। लहुरेटा गांव में संचालित अवैध पशु बाजार पर प्रशासन की पकड़ ढीली पड़ती नजर आ रही है। बीते रविवार को एसडीएम द्वारा बाजार को बंद कराने की बात कही गई थी, लेकिन हफ्ता बीतने के बावजूद कोई ठोस कार्रवाई नहीं की गई। इसका लाभ उठाते हुए कथित ठेकेदार ने प्रशासन को चुनौती देते हुए रविवार को फिर से पशु बाजार लगाया और दिनभर खरीद-फरोख्त का सिलसिला चलता रहा।
यह पशु बाजार पूर्व में जिला पंचायत के आदेश से संचालित होता था, जिसकी अवधि 31 मार्च को समाप्त हो चुकी है। इसके बावजूद कथित दबंग ठेकेदार संबंधित अधिकारियों की मिलीभगत से अवैध रूप से बाजार लगवा रहा है। इस कारण जिला पंचायत को हर माह लाखों रुपये के राजस्व का नुकसान उठाना पड़ रहा है।
जिला पंचायत अध्यक्ष सुनील सिंह पटेल ने बीते रविवार को ही स्पष्ट किया था कि किसी नई पशु बाजार के संचालन की अनुमति नहीं दी गई है, और संबंधित ठेकेदार के खिलाफ कार्रवाई की बात भी कही थी। बावजूद इसके अवैध गतिविधियों पर अंकुश नहीं लग पाया है।
ग्रामीणों के अनुसार, इस बाजार में सीमावर्ती मध्यप्रदेश से भी मवेशियों को लाया और ले जाया जा रहा है, जिससे अवैध व्यापार को बढ़ावा मिल रहा है।
उपजिलाधिकारी सत्यप्रकाश ने बताया कि कोतवाली प्रभारी निरीक्षक राममोहन राय को मौके पर जाकर जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
इस अवैध बाजार के संचालन से नगर पंचायत अध्यक्ष मूलचंद्र सोनकर ने भी नाराजगी जताई है। उन्होंने बताया कि नगर पंचायत की वैध पशु बाजार गोरेपुरवा में लगती है, लेकिन लहुरेटा के इस अवैध बाजार के कारण वहां मवेशी नहीं पहुंच पा रहे, जिससे आर्थिक नुकसान हो रहा है।
प्रशासन की निष्क्रियता और ठेकेदार की दबंगई के बीच राजस्व का नुकसान और कानून व्यवस्था का उल्लंघन चिंताजनक विषय बन गया है।
रिपोर्ट
शिवम सिंह ब्यूरो चीफ बांदा