
न थाने ने सुना, न SP ऑफिस ने — पीड़िता की चेतावनी, न्याय न मिला तो करेगी आत्मदाह
लोकेशन: ग्राम उदयसराय, थाना थरियांव, जनपद फतेहपुर
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद में मानवता को झकझोर देने वाला मामला सामने आया है, जहां ग्राम उदयसराय की रहने वाली एक महिला अपने साथ हुई दरिंदगी के बाद एक सप्ताह से न्याय के लिए दर-दर भटक रही है। पीड़िता महजबीं, जो पांच बेटियों की मां है, न्याय की गुहार लगाने 17 अप्रैल को पुलिस अधीक्षक कार्यालय पहुंची, लेकिन वहां भी उसे सिर्फ निराशा ही हाथ लगी।
पीड़िता ने पुलिस अधीक्षक धवल जायसवाल के सामने रोते हुए बताया कि कैसे उसके साथ गांव के चार युवकों ने उसके पति को बंधक बनाकर हैवानियत की हदें पार कीं। लेकिन थरियांव थाना पुलिस न केवल रिपोर्ट दर्ज करने में टालमटोल करती रही, बल्कि उल्टा उसे धमकाकर भगा दिया। महिला का आरोप है कि पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने के बजाय, मामले को झूठा करार देकर उसे अपमानित किया और समझौते का दबाव डाला।
सीएम के निर्देशों को ताक पर रखती दिखी स्थानीय पुलिस
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ लगातार महिला सुरक्षा को लेकर सख्त निर्देश दे रहे हैं, वहीं फतेहपुर पुलिस का रवैया उनके दावों पर सवाल खड़े करता है। स्थानीय पुलिस की अनदेखी और लापरवाही से हताश पीड़िता अब पुलिस अधीक्षक कार्यालय तक पहुंची है, लेकिन अभी भी आरोपी खुलेआम घूम रहे हैं।
“ज़िल्लत की ज़िंदगी से बेहतर मौत” — पीड़िता की चेतावनी
पुलिस अधीक्षक से मिलने के बाद मीडिया से बातचीत में पीड़िता ने कहा:
“अगर मुझे और मेरी बेटियों को न्याय नहीं मिला, तो मैं अपने पूरे परिवार के साथ पुलिस अधीक्षक कार्यालय के सामने आत्मदाह कर लूंगी।”
प्रशासन से अपील
घटना के बाद से जनपद में आक्रोश का माहौल है। स्थानीय सामाजिक संगठनों और मानवाधिकार कार्यकर्ताओं ने शासन और प्रशासन से मांग की है कि पीड़िता को सुरक्षा दी जाए, एफआईआर दर्ज कर त्वरित कार्रवाई की जाए और दोषियों को जल्द सलाखों के पीछे भेजा जाए।
रिपोर्ट:
करम मोहम्मद सह संपादक इंडिपेंडेंट इंडिया न्यूज़ चैनल उत्तर प्रदेश, फतेहपुर