
– माइक्रो ग्रिड एक सतत ऊर्जा भविष्य की ओर विषय पर हुआ आयोजन
बांदा। राजकीय इंजीनियरिंग कालेज बांदा के विद्युत अभियांत्रिकी विभाग एवं आईईईई छात्र शाखा के संयुक्त तत्वावधान में मंगलवार को माइको ग्रिडरू एक सतत ऊर्जा भविष्य की ओर विषय पर एक शैक्षिक एवं जागरूकता सत्र का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम पृथ्वी दिवस और पावर एंड एनर्जी सोसाइटी दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया, जिसमें नवीकरणीय ऊर्जा के महत्व,स्मार्ट ग्रिड तकनीक तथा पर्यावरणीय संरक्षण पर आधारित विचारों का आदान-प्रदान हुआ।कार्यक्रम का संचालन वैभव चौधरी ने किया, जिन्होंने प्रेरणादायक शब्दों के माध्यम से सभी उपस्थितों का हार्दिक स्वागत किया और कहा कि यह सत्र केवल तकनीकी जानकारी देने वाला नहीं, बल्कि हमें हमारी पृथ्वी के प्रति उत्तरदायित्व का भी स्मरण कराता है। उन्होंने बताया कि ऊर्जा के क्षेत्र में हो रहे परिवर्तन न केवल तकनीकी हैं, बल्कि सामाजिक जागरूकता और समर्पण की भी मांग करते हैं।
इसके उपरांत,आईईईई छात्र शाखा के परामर्शदाता डॉ.पुष्पेन्द्र सिंह ने स्वागत भाषण दिया। उन्होंने ष्माइक्रो ग्रिडष् की मूल अवधारणा को स्पष्ट करते हुए बताया कि यह तकनीक किस प्रकार से परंपरागत विद्युत वितरण प्रणाली का सशक्त विकल्प बन रही है। उन्होंने बताया कि माइक्रो ग्रिड, विशेषकर ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों में, विद्युत आपूर्ति की विश्वसनीयता और सुलभता सुनिश्चित कर सकते हैं। उन्होंने यह भी कहा कि यह तकनीक ऊर्जा आत्मनिर्भरता की दिशा में एक बड़ा कदम है, जिससे देश के ऊर्जा ढांचे में क्रांतिकारी परिवर्तन लाया जा सकता है। राजकीय इंजीनियरिंग कॉलेज बांदा के निदेशक प्रोफेसर एस. पी. शुक्ल ने अपने उद्बोधन में वैश्विक जलवायु संकट, ऊर्जा की बढ़ती मांग और नवीकरणीय स्रोतों की अनिवार्यता पर बल दिया। उन्होंने छात्रों से अपील की कि वे अपने ज्ञान का उपयोग न केवल अपने कैरियर में, बल्कि समाज और पर्यावरण की भलाई के लिए भी करें। उन्होंने कहा कि “हमारा उद्देश्य केवल अभियंता बनना नहीं है, बल्कि समाज को नई दिशा देना है, और यह तभी संभव है जब हम सतत ऊर्जा के विकल्पों को अपनाएं।” इस सेशन के मुख्य वक्ता प्रोफेसर आशीष कुमार सिंह (विभागाध्यक्ष, विद्युत अभियांत्रिकी, मोतीलाल नेहरू राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान, प्रयागराज) रहे। उन्होंने अपने दो दशकों के शोध एवं शिक्षण अनुभव को साझा करते हुए माइक्रो ग्रिड, स्मार्ट ग्रिड प्रबंधन, ऊर्जा कुशल प्रणालियाँ, नवीकरणीय ऊर्जा स्रोत, तथा इलेक्ट्रिक वाहन अवसंरचना पर विस्तार से चर्चा की। उन्होंने बताया कि माइक्रो ग्रिड प्रणाली किस प्रकार पारंपरिक ग्रिड की निर्भरता को कम करते हुए स्थानीय ऊर्जा उत्पादन को सशक्त बनाती है। उन्होंने कृत्रिम बुद्धिमत्ता आधारित दोष पहचान प्रणाली, पेरोव्स्काइट सौर कोशिकाओं के पर्यावरण अनुकूल मॉडल, और स्मार्ट चार्जिंग अवसंरचना जैसे विषयों पर भी गहराई से जानकारी दी। उन्होंने छात्रों को शोध में आगे बढ़ने की प्रेरणा दी और कहा कि “हर छात्र के पास देश की ऊर्जा नीति को दिशा देने की क्षमता है, आवश्यकता है तो केवल समर्पण और जिज्ञासा की। उन्होंने सभी वक्ताओं, आयोजकों, और प्रतिभागियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि ऐसे आयोजन छात्रों को तकनीकी दृष्टि के साथ-साथ सामाजिक और वैश्विक दृष्टिकोण से भी परिपक्व बनाते हैं। इस कार्यक्रम विद्युत अभियांत्रिकी के अध्यक्ष सर्वेश कुमार एवं विद्युत अभियांत्रिकी के समस्त अध्यापक उपस्थिति रहे। इस कार्यक्रम के दौरान आईईईई के समस्त मैटर, कोऑर्डिनेटर एवं वालंटियर उपस्थित रहे। यह सत्र न केवल ज्ञानवर्धक रहा, बल्कि विद्यार्थियों में सतत ऊर्जा के प्रति जागरूकता और नवाचार की भावना भी उत्पन्न करने वाला रहा। राजकीय इंजीनियरिंग कालेज बांदा इस प्रकार के आयोजनों के माध्यम से प्रौद्योगिकी और पर्यावरण के संतुलन की दिशा में प्रतिबद्ध है।