
जिम्मेदारों की मिलीभगत से खुलेआम उड़ाई जा रही खनन नीति की धज्जियां, ग्रामीणों में आक्रोश
बांदा। तहसील बबेरू के मरका थाना क्षेत्र अंतर्गत यमुना नदी के चरका खंड पांच में अवैध खनन का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। ग्रामीणों की मानें तो खदान संचालक भारी मशीनों के जरिए नदी की जलधारा से मोरम निकाल कर न सिर्फ प्राकृतिक संसाधनों को नुकसान पहुँचा रहे हैं, बल्कि लाखों रुपये के राजस्व की भी क्षति कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों का कहना है कि खनन सीमा से बाहर अवैध रूप से पोकलैंड मशीनों से रात-दिन खनन किया जा रहा है। खनिज विभाग की उदासीनता अथवा जिम्मेदारों की शह के चलते यह अवैध कारोबार निर्बाध रूप से फलफूल रहा है। नदी के बीचों-बीच जलधारा को रोककर मोरम निकाला जा रहा है, जिससे नदी का पारिस्थितिक संतुलन बिगड़ रहा है। मछलियों, कछुओं समेत अन्य जलीय जीवों के अस्तित्व पर संकट गहरा गया है।
सड़क को बनाया रास्ता, मिट्टी डालकर पीडब्ल्यूडी रोड को समाप्त किया गया
ग्रामीणों का कहना है कि अवैध खनन से निकली मोरम को निकालने के लिए गांव की सड़कों का इस्तेमाल किया जा रहा है। पीडब्ल्यूडी की सड़क पर मिट्टी डालकर उसे ट्रकों के आवागमन के लायक बना दिया गया है, जिससे सड़क बर्बाद हो गई है। ओवरलोड ट्रकों के आवागमन से न केवल सड़कों को नुकसान हो रहा है, बल्कि राजस्व को भी भारी हानि हो रही है।
प्रशासन की चुप्पी पर उठे सवाल, ग्रामीण बोले—ऊपर तक है सेटिंग
जब स्थानीय लोगों से इस बारे में बात की गई, तो कैमरे के सामने कोई बोलने को तैयार नहीं हुआ, लेकिन अधिकतर ने यह आरोप लगाया कि खनन माफियाओं की ऊपर तक सेटिंग है, जिसके चलते कोई कार्रवाई नहीं हो रही। ग्रामीणों का यह भी कहना है कि जनप्रतिनिधियों की भी भूमिका संदेह के घेरे में है।
खनिज अधिकारी बोले—मिलेगा प्रमाण, तो होगी सख्त कार्रवाई
जब इस संबंध में खनिज अधिकारी राज रंजन से सीयूजी मोबाइल पर बात की गई, तो उन्होंने कहा कि “चरका खंड पांच में यदि अवैध खनन पाया गया, तो दोषियों को किसी भी कीमत पर बख्शा नहीं जाएगा। बहुत जल्द वहां टीम भेजकर जांच कराई जाएगी।” जब उनसे पूछा गया कि ग्रामीणों ने हाल ही में प्रदर्शन कर ज्ञापन भी सौंपा था, तो उन्होंने कहा कि उन्हें इस बात की जानकारी नहीं है, पर वह इस पर ध्यान देंगे और समस्या का समाधान करेंगे।
रिपोर्ट
शिवम सिंह ब्यूरो चीफ बांदा