
फतेहपुर।
उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जनपद के जाफरगंज थाना क्षेत्र अंतर्गत बरवा गांव में जमीनी विवाद को लेकर एक परिवार पर दबंगों द्वारा किया गया जानलेवा हमला अब तूल पकड़ता जा रहा है। पीड़िता निशा तिवारी पत्नी राजेंद्र तिवारी ने बताया कि 5 मई को कुछ दबंगों ने उनके दरवाजे पर चढ़कर धारदार हथियार, लाठी-डंडा और पिस्टल से हमला कर दिया। हमले में उनका पुत्र यश तिवारी एवं वृद्ध ननद गंभीर रूप से घायल हो गए।
पीड़िता ने आरोप लगाया कि नामजद हमलावर — सुरेश तिवारी उर्फ टीनू, श्याम तिवारी, उमेश तिवारी उर्फ पिंटू, ज्ञान चंद्र, रमाकांत, सौरभ तिवारी एवं उनके 3-4 अज्ञात सहयोगियों के खिलाफ शिकायत करने के बावजूद जाफरगंज थाना पुलिस ने अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं की है। उन्होंने कहा कि विवेचना अधिकारी की भूमिका संदिग्ध है और वे आरोपियों को संरक्षण दे रहे हैं।
निशा तिवारी ने बताया कि घटना के बाद से ही आरोपित थाने में खुलेआम चाय-नाश्ता करते देखे जा रहे हैं जबकि पीड़ित परिवार को धमकियां मिल रही हैं। साथ ही पुलिस द्वारा ननद का मेडिकल परीक्षण तक नहीं कराया गया और जांच में लगातार लापरवाही बरती जा रही है।
पीड़ित परिवार ने पुलिस अधीक्षक से मुलाकात कर पूरे मामले की शिकायत दर्ज कराई है। एसपी ने मामले की गंभीरता को देखते हुए सीओ जाफरगंज को जांच सौंपी है और आश्वासन दिया है कि विवेचक पर लगे आरोप सही पाए जाने पर उन्हें हटाकर निष्पक्ष अधिकारी नियुक्त किया जाएगा।
बरवा गांव की यह घटना न सिर्फ कानून व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है बल्कि पीड़ित परिवार के सुरक्षा और न्याय के अधिकार पर भी गंभीर चिंता उत्पन्न करती है।
— संवाददाता: अंकित कुमार, फतेहपुर