
-बच्चों के समग्र स्वास्थ्य पर विशेष जोर
– परियोजना के शहरी कार्यालय में हुआ प्रशिक्षण
बाँदा। महिला एवं बाल विकास विभाग द्वारा नवनियुक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं उनके दायित्व व जिम्मेदारियां बताते हुए बच्चों के शारीरिक,मानसिक, संज्ञानात्मक,संवेगात्मक एवं सामाजिक विकास से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर प्रशिक्षण दिया गया। समय से केंद्र संचालन,सर्वे करना,रजिस्टर बनाना,वजन आदि करना बताया गया।पोषण ट्रैकर व पीएमएमवीवाई की जानकारी दी गई।शुक्रवार को बाल विकास परियोजना शहर कार्यालय में आयोजित प्रशिक्षण में सीडीपीओ राम प्रकाश ने बताया कि शून्य से 3 वर्ष के बच्चों के लिए ’प्रारंभिक प्रोत्साहन’ नवचेतना पाठ्यक्रम लागू किया जा चुका है। 3 से 6 वर्ष के बच्चों के लिए ’अर्ली चाइल्डहुड केयर एंड एजुकेशन’ के तहत ’आधारशिला पाठ्यक्रम’ को अपनाया गया है। इन पाठ्यक्रमों के माध्यम से बच्चों के संज्ञानात्मक, भाषा, संवेगात्मक, रचनात्मक, शारीरिक और सामाजिक विकास पर विशेष ध्यान दिया जाता है।सीडीपीओ ने पोषण और शिक्षा के बीच संतुलन के महत्व को समझाया। कहा कि बच्चों के मस्तिष्क का 85 प्रतिशत विकास 6 वर्ष की आयु तक हो जाता है। इस अवधि में यदि बच्चों को उचित पोषण और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिले, तो उनके भावी विकास की संभावनाएं अत्यधिक बढ़ जाती हैं।प्रशिक्षण में मुख्यसेविका प्रतिभा त्रिपाठी,गुड़िया देवी, ब्लाक समन्वयक मधु कुमार शुक्ला समेत शहरी क्षेत्र, कमासिन व बड़ोखर ब्लाक की नवनियुक्त आंगनबाड़ी कार्यकर्ता उपस्थित रहीं।
रिपोर्ट
शिवम सिंह ब्यूरो चीफ बांदा