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बरेली। फरीदपुर तहसील में तैनात सहायक चकबंदी अधिकारी को 10 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए विजिलेंस टीम ने रंगे हाथों पकड़ लिया। आरोपी अधिकारी ने एक गरीब किसान से ज़मीन की चकबंदी के बदले 20 हजार रुपये की मांग की थी। किसान ने मजबूरी में यह रकम किस्तों में देने की बात कही थी। पहली किस्त लेते ही विजिलेंस टीम ने कार्रवाई करते हुए अधिकारी को धर दबोचा।
“बिना रिश्वत के काम नहीं होगा”
फरीदपुर निवासी एक किसान ने अपनी ज़मीन के बिखरे टुकड़ों को मिलवाने के लिए चकबंदी विभाग में आवेदन दिया था। आरोप है कि वहां तैनात सहायक चकबंदी अधिकारी महेश सिंह ने फाइल आगे बढ़ाने के लिए 20 हजार रुपये की डिमांड रख दी। जब किसान ने असमर्थता जताई, तो अधिकारी ने साफ कह दिया कि बिना पैसा दिए काम नहीं होगा।
कर्ज लेकर दी रिश्वत की पहली किस्त, विजिलेंस को दी सूचना
किसान की आर्थिक स्थिति बेहद कमजोर थी। उसने रिश्तेदारों से उधार लेकर 10 हजार रुपये जुटाए और अधिकारी को देने से पहले हिम्मत करके विजिलेंस विभाग को इसकी सूचना दे दी। इसके बाद पूरी कार्रवाई योजनाबद्ध तरीके से की गई।
EMI लेते ही धरा गया अधिकारी
विजिलेंस एसपी अरविंद कुमार के निर्देश पर टीम तैयार की गई। तय योजना के अनुसार, किसान ने बुधवार को अधिकारी को 10 हजार रुपये की पहली किश्त दी। जैसे ही पैसे अधिकारी के हाथ में आए, टीम ने मौके पर पहुंचकर उसे गिरफ्तार कर लिया।
भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्ती
एसपी विजिलेंस ने बताया कि आरोपी अधिकारी महेश सिंह के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और आगे की कार्रवाई की जा रही है। उन्होंने कहा कि ऐसे मामलों में शून्य सहनशीलता की नीति अपनाई जा रही है।
रिपोर्ट
सुनील सिंह उत्तर प्रदेश स्टेट हेड