
बांदा (उत्तर प्रदेश)। जनपद के बबेरू कस्बे स्थित मां मढ़ीदाई मंदिर से प्रेम विवाह का एक मामला सामने आया है, जहां प्रेमी युगल ने मंदिर परिसर में एक-दूसरे को वरमाला पहनाकर शादी रचाई और माता के चरणों में आशीर्वाद लेकर अपने नए जीवन की शुरुआत की।
प्राप्त जानकारी के अनुसार, कमासिन थाना क्षेत्र के ममसी खुर्द गांव निवासी अभयराज पुत्र रामकिशोर (उम्र लगभग 22 वर्ष) और चांदनी देवी पुत्री दयाराम (उम्र लगभग 19 वर्ष) पिछले चार वर्षों से प्रेम-प्रसंग में थे। चांदनी अपनी मर्जी से घर छोड़कर अपने प्रेमी अभयराज के पास चली आई। दोनों ने पहले चित्रकूट में कोर्ट मैरिज फॉर्म भरा और फिर बबेरू के मां मढ़ीदाई मंदिर में शादी की रस्में निभाईं।
मंदिर परिसर में दोनों ने एक-दूसरे को वरमाला पहनाई, सिंदूर भरकर विवाह संपन्न किया और मां मढ़ी दाई के दरबार में माथा टेककर आशीर्वाद लिया। शादी के समय मंदिर में अन्य श्रद्धालु भी मौजूद रहे।
बाइट में अभयराज ने बताया कि चांदनी उसके बड़े भाई की साली है और दोनों एक ही बिरादरी से ताल्लुक रखते हैं। पहले लड़की के परिजन शादी के लिए राजी थे लेकिन बाद में उन्होंने विरोध करना शुरू कर दिया और चांदनी के साथ मारपीट करने लगे। अभयराज ने बताया कि चांदनी ने खुद उसे फोन कर आत्महत्या की बात कही और बुलाया। “हमने मजबूरी में यह कदम उठाया है,” – अभयराज ने कहा।
बाइट में चांदनी ने कहा, “मैं बालिग हूं और अपनी मर्जी से शादी कर रही हूं। मुझ पर कोई दबाव नहीं है।” उसने अपने परिजनों पर मारपीट का आरोप लगाते हुए कहा कि वह प्रेमी अभयराज के साथ ही अपना जीवन बिताना चाहती है।
यह विवाह मंदिर में शांति और सादगी के साथ संपन्न हुआ, और दोनों ने सामाजिक व धार्मिक रीति-रिवाजों के तहत एक-दूसरे को जीवनसाथी स्वीकार किया।