बांदा।
उत्तर प्रदेश अब सौर ऊर्जा के क्षेत्र में एक नए युग की ओर तेजी से बढ़ रहा है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में राज्य सरकार ने नवीकरणीय ऊर्जा के विस्तार को प्राथमिकता देते हुए उल्लेखनीय प्रगति की है। सौर ऊर्जा के क्षेत्र में हो रहे कार्यों ने प्रदेश को देश के अग्रणी राज्यों की श्रेणी में शामिल कर दिया है।
प्रदेश में वर्तमान में 3840 मेगावाट बिजली उत्पादन क्षमता वाले 09 सोलर पार्कों की स्थापना की जा रही है, जिनमें से 528 मेगावाट का उत्पादन आरंभ हो चुका है। सौर ऊर्जा संभावनाओं के आधार पर उत्तर प्रदेश अब राजस्थान, गुजरात, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश के बाद देश में पांचवें स्थान पर है।
बुंदेलखंड सहित प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में सोलर पार्कों की स्थापना की जा रही है, जिससे रोजगार और ग्रामीण विकास को भी बल मिलेगा। खास बात यह है कि इन परियोजनाओं में निजी क्षेत्र से भारी निवेश प्राप्त हुआ है, जिससे यह साफ़ है कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में उत्तर प्रदेश निवेशकों की पहली पसंद बनता जा रहा है।
राज्य सरकार द्वारा प्रधानमंत्री सूर्य घर योजना के तहत 25 लाख घरों की छतों पर सौर संयंत्र लगाए जा रहे हैं, जिससे हर परिवार को हर माह 300 यूनिट मुफ्त बिजली दी जाएगी। अब तक 1.21 लाख घरों में 450 मेगावाट क्षमता के रूफटॉप सोलर सिस्टम लगाए जा चुके हैं।
प्रदेश सरकार ने 22,000 मेगावाट सौर ऊर्जा उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। इसमें 6,000 मेगावाट रूफटॉप संयंत्र और 14,000 मेगावाट सोलर पार्कों के माध्यम से उत्पादन किया जाएगा। अब तक 3871.17 मेगावाट ग्रिड से जुड़ी नवीकरणीय क्षमता स्थापित की जा चुकी है और 2594 मेगावाट की ग्राउंड माउंटेड परियोजनाएं भी चालू हो चुकी हैं।
कृषि क्षेत्र में भी क्रांतिकारी बदलाव लाया गया है। पीएम कुसुम योजना के तहत 16.17 मेगावाट ग्रिड ट्यूबवेल को सौर ऊर्जा से संचालित किया गया है और 2000 से अधिक पंपों का सोलराइजेशन हो चुका है। भविष्य में निजी ऑनग्रिड पंपों एवं कृषि विद्युत फीडरों का भी सौर उर्जा से संचालन सुनिश्चित किया जाएगा।
वहीं, 61 जिलों के गांवों में 886 मेगावाट क्षमता के पेयजल पंपिंग स्टेशन सौर ऊर्जा से संचालित किए गए हैं। बीते एक वर्ष में 528 मेगावाट की ग्राउंड माउंटेड यूटिलिटी परियोजनाएं चालू की गई हैं, जबकि 6800 मेगावाट क्षमता की परियोजनाओं पर कार्य प्रगति पर है। इनमें से 2653 मेगावाट से अधिक परियोजनाएं पूर्ण हो चुकी हैं।
सौर ऊर्जा के इस व्यापक उपयोग से न केवल राज्य की विद्युत निर्भरता घटेगी, बल्कि पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक बचत को भी बल मिलेगा। उत्तर प्रदेश आज सौर ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर भारत की ओर एक मजबूत कदम साबित हो रहा है।
रिपोर्ट
शिवम सिंह ब्यूरो चीफ बांदा