
फतेहपुर। संवाददाता विशेष
जिले में पुलिस आरक्षी भर्ती प्रक्रिया के मद्देनज़र जिलाधिकारी रविंद्र कुमार सिंह द्वारा खनन परिवहन पर रोक लगाने का सख्त आदेश जारी किया गया था, लेकिन हकीकत यह है कि उनके निर्देशों को खुलेआम नजरअंदाज किया जा रहा है।
डीएम द्वारा उप खनिज बालू पट्टेधारकों को दो दिनों तक खनन गतिविधियां पूर्णतः बंद करने का निर्देश दिया गया था, ताकि पुलिस भर्ती की प्रक्रिया सुचारु रूप से संपन्न कराई जा सके। इसके बावजूद, खनन माफिया और ओवरलोड वाहनों का धड़ल्ले से संचालन बदस्तूर जारी है।
खागा तहसील क्षेत्र के संगोलीपुर मडैयन मोरंग खंड में स्थिति सर्वाधिक चिंताजनक है, जहाँ ओवरलोड वाहनों की आवाजाही प्रशासन की तमाम कोशिशों को मुंह चिढ़ा रही है। जिले में लगातार खनन और उसके परिवहन को लेकर शिकायतें मिल रही हैं, बावजूद इसके सख्ती का कोई असर दिख नहीं रहा है।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि कुछ खनन कारोबारी प्रशासनिक आदेशों की अवहेलना कर नियमों को ताक पर रखकर धंधा चला रहे हैं। वहीं, जिला प्रशासन और पुलिस की कार्यप्रणाली भी सवालों के घेरे में आ गई है।
प्रश्न उठता है, कि जब डीएम स्तर से सख्त आदेश दिए गए हैं, तो फिर इस खुलेआम अवहेलना की जिम्मेदारी किसकी है? क्या खनन माफियाओं को प्रशासनिक संरक्षण प्राप्त है या फिर आदेशों की अनुपालना केवल कागजों तक सीमित रह गई है?
प्रशासन को चाहिए कि वह इस मामले की गंभीरता को समझे और आदेशों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध सख्त कार्रवाई सुनिश्चित करे। वरना ऐसे आदेशों का कोई औचित्य नहीं रह जाएगा।
रिपोर्ट
अंकित कुमार संवाददाता फतेहपुर