
रानी लक्ष्मीबाई का वीरता पूर्ण जीवन आज भी प्रासंगिक है
अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा के तत्वावधान में शिविर कार्यालय बिहारी पुर खत्रियान पर झांसी की रानी लक्ष्मीबाई के 167 वें बलिदान दिवस पर वीरता पुरस्कार शिक्षिका रश्मि उपाध्याय को सम्मानित कर दिया गया। राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्रदेव त्रिवेदी, मंडल महामंत्री विशाल शर्मा, जिलाध्यक्ष संजीव कुमार अवस्थी , महिला सभा पदाधिकारी अलका त्रिवेदी और पूजा मिश्रा ने उत्तरीय, स्मृति चिन्ह्, हाथ की घड़ी, मेडल, सुनहरी और फूलों की माला भेंटकर सम्मानित किया।
अपने सम्मान पर रश्मि उपाध्याय ने अखिल भारतीय ब्राह्मण महासभा का आभार व्यक्त किया और कहा कि देश सेवा, शिक्षा सेवा , समाज सेवा और महिलाओं की सेवा के लिए वो हमेशा तत्पर रहेंगी।
कार्यक्रम का प्रारंभ राकेश शर्मा गुरु के नेतृत्व में गायत्री मंत्र के वाचन से हुआ। इस अवसर पर उपस्थित लोगों को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय अध्यक्ष इंद्रदेव त्रिवेदी ने कहा कि रानी लक्ष्मीबाई ने 29 वर्ष की आयु में झांसी का शासन संभाला और मातृभूमि की रक्षा के लिए अंग्रेजी शासन से युद्ध किया। पति की मृत्यु हुई, पर अपने वैधव्य पर आंच नहीं आने दी। अपने पुत्र एवं स्वयं को दुश्मनों के हाथ नहीं आने दिया। मात्र 29 वर्ष की आयु में देश पर बलिदान होकर 1857 की क्रांति की नींव रख दी और वीरता की एक मिसाल बन गईं। इसलिए रानी लक्ष्मीबाई वर्तमान पीढ़ी के लिए आज भी प्रासंगिक हैं।
रानी लक्ष्मीबाई के बलिदान दिवस और सम्मान कार्यक्रम में प्रदेश कोषाध्यक्ष अमर शर्मा, जिलाध्यक्ष संजीव कुमार अवस्थी, उपाध्यक्ष धनंजय शर्मा, राकेश शर्मा गुरु, अलका त्रिवेदी, पूजा मिश्रा, अभिषेक शर्मा, देवेश शर्मा, वंश आदि प्रमुखता से लोग उपस्थित रहे।
कार्यक्रम का सफल संचालन मंडल महामंत्री विशाल शर्मा ने किया और सभी का आभार जिलाध्यक्ष संजीव कुमार अवस्थी ने किया।
विशाल शर्मा, मंडल महामंत्री
रिपोर्ट
अजय कुमार सिंह ब्यूरो चीफ क्राइम ब्रांच बरेली