
अमौली, फतेहपुर: प्रदेश की योगी सरकार द्वारा सड़कों की मरम्मत और यातायात को सुगम बनाने के लिए समय-समय पर निर्देश दिए जाते हैं और इसके लिए करोड़ों रुपये का बजट भी आवंटित किया जाता है। लेकिन संबंधित विभाग इस धन को धरातल पर सड़कों के निर्माण में लगाने के बजाय कागजी आंकड़ों तक सीमित कर देते हैं।
ऐसा ही एक मामला अमौली विकास खंड के बरीपाल गांव के पास से गुजर रही कानपुर-हमीरपुर संपर्क मार्ग पर सामने आया है। यह सड़क मरम्मत के अभाव में पूरी तरह से गड्ढों में तब्दील हो चुकी है। इस जर्जर सड़क से होकर गुजरना राहगीरों के लिए जान जोखिम में डालने जैसा हो गया है।
सबसे अधिक प्रभावित मरीज और प्रसूताएं
इस सड़क की दुर्दशा के चलते क्षेत्रीय लोग, खासकर मरीजों और प्रसूताओं को अस्पताल पहुंचाने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) पहुंचने में भी लोगों को लगभग एक घंटा लग जाता है।
इस सड़क की दुर्दशा के चलते क्षेत्रीय लोग, खासकर मरीजों और प्रसूताओं को अस्पताल पहुंचाने में भारी परेशानी उठानी पड़ रही है। मात्र 1 किलोमीटर की दूरी पर स्थित सीएचसी (सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र) पहुंचने में भी लोगों को लगभग एक घंटा लग जाता है।
जनप्रतिनिधियों और अधिकारियों की उदासीनता
स्थानीय निवासियों ने बताया कि सड़क के पुनर्निर्माण के लिए वे कई बार तहसील और जिला मुख्यालय के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके हैं। लेकिन हर बार उन्हें केवल आश्वासन ही मिला, कार्यवाही नहीं हुई।
स्थानीय निवासियों ने बताया कि सड़क के पुनर्निर्माण के लिए वे कई बार तहसील और जिला मुख्यालय के अधिकारियों और जनप्रतिनिधियों से गुहार लगा चुके हैं। लेकिन हर बार उन्हें केवल आश्वासन ही मिला, कार्यवाही नहीं हुई।
पीडब्ल्यूडी का आश्वासन
इस संबंध में पीडब्ल्यूडी के जेई अरविंद कुमार का कहना है कि सड़क का स्थलीय निरीक्षण कर प्रस्ताव तैयार किया जाएगा। जल्द ही सड़क के पुनर्निर्माण का कार्य शुरू किया जाएगा।
निष्कर्ष
सड़कें किसी भी क्षेत्र की विकास की धड़कन होती हैं। ऐसे में जिम्मेदार अधिकारियों और प्रशासन को समय रहते इस समस्या का समाधान करना चाहिए, ताकि राहगीरों को राहत मिल सके और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो।
सड़कें किसी भी क्षेत्र की विकास की धड़कन होती हैं। ऐसे में जिम्मेदार अधिकारियों और प्रशासन को समय रहते इस समस्या का समाधान करना चाहिए, ताकि राहगीरों को राहत मिल सके और उनकी सुरक्षा सुनिश्चित हो।
रिपोर्ट फतेहपुर ब्यूरो