फतेहपुर से मामला उजागर, राष्ट्रीय महासचिव ने कड़ी कार्यवाही करते हुए की मान्यता रद्द करने की मांग।
फतेहपुर के जहानाबाद कस्बे में स्थित स्व. दिलीप कुमार स्मारक महाविद्यालय पर गंभीर आरोप लगे हैं। आरोप है कि एम.ए. तृतीय सेमेस्टर के एक छात्र का परीक्षा फॉर्म, शुल्क जमा होने के बावजूद, जानबूझकर रोक दिया गया। छात्र ने इसे अपने भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए एंटी करप्शन एसडीसी से शिकायत की, जिसके बाद राष्ट्रीय महासचिव ने यूजीसी को पत्र लिखकर न्याय की मांग की।
एंटी करप्शन एसडीसी के महानिदेशक सचान ने इसे भारतीय संविधान के अनुच्छेद 21 का उल्लंघन बताया है। उन्होंने कहा, “छात्र की परीक्षा फीस जमा थी, इसके बावजूद परीक्षा फॉर्म रोकना न केवल नैतिक अपराध है, बल्कि कानूनी रूप से भी गलत है। किसी भी परिस्थिति में फीस न भरने पर भी छात्र को परीक्षा से वंचित नहीं किया जा सकता।”
दिल्ली हाई कोर्ट के एक ऐतिहासिक फैसले का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि कोर्ट ने स्पष्ट रूप से शिक्षा को बच्चे और समाज के भविष्य का आधार माना है।
छात्र की शिकायत और एंटी करप्शन के दखल के बाद, यूजीसी और शिक्षा विभाग से निष्पक्ष जांच की उम्मीद जताई जा रही है। छात्रों और अभिभावकों ने इस घटना की कड़ी निंदा करते हुए दोषियों पर सख्त कार्रवाई की मांग की है।