Sukhdev Prasad Varma(File Photo)
◼️ निर्विरोध प्रधान बन राजनीति में रखा था कदम
◼️ बिंदकी विधानसभा से दो बार बने थे विधायक
फतेहपुर:- जनपद के बिंदकी तहसील अंतर्गत सिकट्ठनपुर गाँव में जन्मे सुखदेव प्रसाद वर्मा जनपद के कोने कोने में अपनी बेबाक वाक्यपटुता,वजनदार जबान और पक्के वादों के लिए जाने जाते रहे है।
गाँव की प्रधानी से लेकर आमचुनाव तक के संघर्षी सफर में सुखदेव वर्मा ने खुद को तपा कर इस मुकाम को हासिल किया था। इनकी उपलब्धि कोई खैरात या बपौती नही थी,सुखदेव प्रसाद वर्मा ने 20 वीं सदी के नौंवे दशक में निर्विरोध ग्राम प्रधान बनकर राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी, वर्ष 2000 में बसपा का झंडा थाम बहुजन राजनीति और वंचितों की उन्नति को अम्लीय जामा पहनाने हेतु राजनीतिक महासमर में कूद पड़े,
वर्ष 2002 में पहली बार बिंदकी से बसपा के टिकट से विधायकी लड़े,लेकिन थोड़े अंतर से विधायक बनते बनते रह गए। वर्ष 2002 के बाद सुखदेव वर्मा ने ईट व्यवसाय और लोगो से जुड़ाव को संजीदे से संजोये रखे, तब तक जनपद में बसपा सुप्रीमो मायावती के सबसे खास बन चुके थे, 2007 में पुनः बसपा ने सुखदेव वर्मा पर भरोषा जताया,और इस बार सुखदेव वर्मा ने पूरे रौब के साथ बिंदकी से विधायक का ताज पहना,पुनः 2012 में फिर से विधायक बने,2017 का विधानसभा चुनाव हार गए,लेकिन क्षेत्र समाज और जनपद में उनकी पकड़ ढीली न पड़ी,
अब तक सुखदेव वर्मा अपने अनगिनत समर्थको के बीच बाबू सुखदेव प्रसाद वर्मा (बाबूजी) के नाम से प्रचलित हो चुके थे उनके समर्थक उन्हें चाचा जी भी बुलाते थे,पार्टी के नेता कार्यकर्ता और आमलोगों के बीच उनके सम्बन्ध आत्मीय होते थे। न कि राजनीतिक,मायावती को हमेशा मैडम चीफमिनिस्टर कह कर बुलाने वाले बाबू सुखदेव प्रसाद वर्मा वाकई मायावती के इतने खास थे,कि लोकसभा के चुनाव में तमाम दिग्गज दावेदारों की दावेदारी को धता बताकर मैडम चीफ मिनिस्टर ने अपने चहेते पूर्व विधायक पर ही विश्वास जताया था।
आम चुनाव में जब मायावती जनपद में जनसभा को सम्बोधित करने आई थी,तब उन्होंने बाबूजी के पारिवारिक सम्बन्धो का भी जिक्र किया था,मायावती ने पूरे विश्वास के साथ कहा था कि तमाम प्रकार की उथल पुथल के बावजूद भी सुखदेव वर्मा ने पार्टी का साथ नही छोड़ा,इनके दामाद प्रवीण सिंह पटेल (सुखदेव वर्मा की पुत्री गोल्डी सिंह पटेल के पति) भाजपा से विधायक है,फिर भी इनके लिए पार्टी और सिद्धान्त मायने रखते है
न कि पद प्रतिष्ठा,इसी निष्ठा के दम पर 2019 के लोकसभा चुनाव में फतेहपुुुर लोकसभा से सपा बसपा गठबंधन के प्रत्यासी सुखदेव वर्मा बनाये गए,चुनाव सुखदेव प्रसाद वर्मा भले ही हार गए थे,लेकिन जीतने वाले से ज्यादा चर्चा बाबूजी की हार के हुए थे,अब बाबूजी बस हम सब की यादों में शेष है,व्यक्ति से व्यक्तित्व और फिर विचारधारा बनकर बाबूजी विगत 18 मई 2021 को एकाएक इस नाश्वर दुनिया और हम सबको छोड़कर पंचतत्व में विलीन हो गए।
गाँव की प्रधानी से लेकर आमचुनाव तक के संघर्षी सफर में सुखदेव वर्मा ने खुद को तपा कर इस मुकाम को हासिल किया था। इनकी उपलब्धि कोई खैरात या बपौती नही थी,सुखदेव प्रसाद वर्मा ने 20 वीं सदी के नौंवे दशक में निर्विरोध ग्राम प्रधान बनकर राजनीतिक सफर की शुरुआत की थी, वर्ष 2000 में बसपा का झंडा थाम बहुजन राजनीति और वंचितों की उन्नति को अम्लीय जामा पहनाने हेतु राजनीतिक महासमर में कूद पड़े,
वर्ष 2002 में पहली बार बिंदकी से बसपा के टिकट से विधायकी लड़े,लेकिन थोड़े अंतर से विधायक बनते बनते रह गए। वर्ष 2002 के बाद सुखदेव वर्मा ने ईट व्यवसाय और लोगो से जुड़ाव को संजीदे से संजोये रखे, तब तक जनपद में बसपा सुप्रीमो मायावती के सबसे खास बन चुके थे, 2007 में पुनः बसपा ने सुखदेव वर्मा पर भरोषा जताया,और इस बार सुखदेव वर्मा ने पूरे रौब के साथ बिंदकी से विधायक का ताज पहना,पुनः 2012 में फिर से विधायक बने,2017 का विधानसभा चुनाव हार गए,लेकिन क्षेत्र समाज और जनपद में उनकी पकड़ ढीली न पड़ी,
अब तक सुखदेव वर्मा अपने अनगिनत समर्थको के बीच बाबू सुखदेव प्रसाद वर्मा (बाबूजी) के नाम से प्रचलित हो चुके थे उनके समर्थक उन्हें चाचा जी भी बुलाते थे,पार्टी के नेता कार्यकर्ता और आमलोगों के बीच उनके सम्बन्ध आत्मीय होते थे। न कि राजनीतिक,मायावती को हमेशा मैडम चीफमिनिस्टर कह कर बुलाने वाले बाबू सुखदेव प्रसाद वर्मा वाकई मायावती के इतने खास थे,कि लोकसभा के चुनाव में तमाम दिग्गज दावेदारों की दावेदारी को धता बताकर मैडम चीफ मिनिस्टर ने अपने चहेते पूर्व विधायक पर ही विश्वास जताया था।
आम चुनाव में जब मायावती जनपद में जनसभा को सम्बोधित करने आई थी,तब उन्होंने बाबूजी के पारिवारिक सम्बन्धो का भी जिक्र किया था,मायावती ने पूरे विश्वास के साथ कहा था कि तमाम प्रकार की उथल पुथल के बावजूद भी सुखदेव वर्मा ने पार्टी का साथ नही छोड़ा,इनके दामाद प्रवीण सिंह पटेल (सुखदेव वर्मा की पुत्री गोल्डी सिंह पटेल के पति) भाजपा से विधायक है,फिर भी इनके लिए पार्टी और सिद्धान्त मायने रखते है
न कि पद प्रतिष्ठा,इसी निष्ठा के दम पर 2019 के लोकसभा चुनाव में फतेहपुुुर लोकसभा से सपा बसपा गठबंधन के प्रत्यासी सुखदेव वर्मा बनाये गए,चुनाव सुखदेव प्रसाद वर्मा भले ही हार गए थे,लेकिन जीतने वाले से ज्यादा चर्चा बाबूजी की हार के हुए थे,अब बाबूजी बस हम सब की यादों में शेष है,व्यक्ति से व्यक्तित्व और फिर विचारधारा बनकर बाबूजी विगत 18 मई 2021 को एकाएक इस नाश्वर दुनिया और हम सबको छोड़कर पंचतत्व में विलीन हो गए।
By Ankit Patel
इंडिपेंडेंट इंडिया न्यूज़ चैनल बाबूजी सुखदेव प्रसाद वर्मा जी को शत शत नमन, कोटि कोटि वंदन करता है,महान व्यक्तित्व के धनी बाबूजी को भगवान अपने श्री चरणों में स्थान दें।
अमन दीप सचान
प्रधान संपादक