इंडिपेंडेंट न्यूज़ एजेंसी, फतेहपुर: क्षेत्र में इन दिनो यमुना नदी पर फतेहपुर जनपद के दरियापुर धाने से होते हुए चिल्लीमल पुल बनाए जाने की घोषणा के लिए व्यापक चर्चाओं का माहौल बना हुआ है। होटलो, चौराहो, बाजारो व पूरे क्षेत्र मे चिल्लीमल पुल निर्माण की घोषणा उत्तर प्रदेश सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा शीघ्र किए जाने की आशा से संबंधित चर्चाएं बहुत ज्यादा जोर पकड़े हुए हैं। लोगों का कहना है कि चित्रकूट में भगवान कामतानाथ व प्रभु श्रीराम के दर्शनों के लिए लाखों की संख्या में श्रद्धालुओं को 30 से 40 किलोमीटर का फालतू चक्कर गैर जनपदों से होकर लगाना पड़ता है। प्रतिमाह अमावस्या व पूर्णिमा को चित्रकूट में लगने वाले मेले में प्रभु श्री राम के भक्तों को पहुंचने में दुर्गम सुदूर रास्तों से होकर आने जाने में अनेको कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। पैसों की समस्या एवं दूरी के कारण बहुत से भक्तजन अपने आराध्य प्रभु श्री राम के दर्शन नहीं कर पाते हैं। क्षेत्र की जनता योगी कार्यकाल फेज 1 से ही इस पुल निर्माण की घोषणा व शिलान्यास की आशा प्रबलता से लगाए हुए थी।
जिसमें अब विलंब हो रहा है अनेक क्षेत्रीय लोगों के साथ-साथ रामचंद दुबे, अशोक कुमार त्रिपाठी, बच्चा गर्ग, सर्वेश अग्रहरि, सुशील अग्रहरी इत्यादि सभी का कहना रहा की पुल निर्माण हेतु मिट्टी टेस्टिंग के लिए वर्षों पहले भेजी गई है। बावजूद इन सबके शिलान्यास में देरी हो रही है। संपूर्ण क्षेत्र के हिंदू सनातनी रामायण के शबरी की भांति उक्त पुल के निर्माण की घोषणा प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा की जाने की आशा से मुखिया आदित्यनाथ की ओर निहार रहे हैं। सभी भक्तों का दृढ़ विश्वास है कि मुख्यमंत्री उनकी इस आशा को फलीभूत करते हुए दीपावली तक उक्तपुल के निर्माण की घोषणा चिरकाल तक अमिट अमर रहने वाले उपहार के रूप में प्रदान करेंगे। वास्तव में इस पुल के निर्माण से 30- 40 किलोमीटर घूमकर जाने से बचत होगी वहीं क्षेत्र की जनता के साथ-साथ दूसरे जनपदों के श्रद्धालुओं को भी दर्शन सुलभ हो जाएगा और बांदा चित्रकूट फतेहपुर यमुना तटवर्ती क्षेत्रों का शिक्षा रोजगार व अन्य तमाम प्रकार का विकास भी हो जाएगा।
जिसमें अब विलंब हो रहा है अनेक क्षेत्रीय लोगों के साथ-साथ रामचंद दुबे, अशोक कुमार त्रिपाठी, बच्चा गर्ग, सर्वेश अग्रहरि, सुशील अग्रहरी इत्यादि सभी का कहना रहा की पुल निर्माण हेतु मिट्टी टेस्टिंग के लिए वर्षों पहले भेजी गई है। बावजूद इन सबके शिलान्यास में देरी हो रही है। संपूर्ण क्षेत्र के हिंदू सनातनी रामायण के शबरी की भांति उक्त पुल के निर्माण की घोषणा प्रदेश के मुख्यमंत्री द्वारा की जाने की आशा से मुखिया आदित्यनाथ की ओर निहार रहे हैं। सभी भक्तों का दृढ़ विश्वास है कि मुख्यमंत्री उनकी इस आशा को फलीभूत करते हुए दीपावली तक उक्तपुल के निर्माण की घोषणा चिरकाल तक अमिट अमर रहने वाले उपहार के रूप में प्रदान करेंगे। वास्तव में इस पुल के निर्माण से 30- 40 किलोमीटर घूमकर जाने से बचत होगी वहीं क्षेत्र की जनता के साथ-साथ दूसरे जनपदों के श्रद्धालुओं को भी दर्शन सुलभ हो जाएगा और बांदा चित्रकूट फतेहपुर यमुना तटवर्ती क्षेत्रों का शिक्षा रोजगार व अन्य तमाम प्रकार का विकास भी हो जाएगा।