फतेहपुर/अमौली: छात्र भले ही न आ रहे हों, लेकिन सभी शिक्षकों, अनुदेशकों व शिक्षामित्रों को निर्धारित समय पर स्कूल पहुंचना अनिवार्य कर दिया गया है। जिला प्रशासन के आदेश का यहां पर मखौल उड़ाया जा रहा है। ऐसे में शिक्षकों की मनमानी पूरी व्यवस्था पर भारी पड़ रही है। कोई एक-दो दिन गायब रहता है तो किसी की आमद हफ्ते भर बाद भी नहीं होती। मीडिया व एंटी कर्टीशनम ने गुरुवार को प्राथमिक विद्यालय मिर्जापुर का जायजा लिया तो हकीकत सामने आ गई।
इस बात के पुख्ता प्रमाण हैं कि प्राथमिक विद्यालय में तैनात सहायक अध्यापक आशीष रस्तोगी किस तरह ड्यूटी बजा रहे हैं। ये कोई तो सिर्फ बानगीभर है। ज्यादातर स्कूलों का हाल भी कुछ ऐसा ही है। सूत्रों से मिली जानकारी अनुसार खंड शिक्षा अधिकारी ने अपने चाटुकार शिक्षकों को खुली छूट दे रखी है। शिक्षामित्र और अनुदेशक ही स्कूल खोलकर बैठते हैं।
गुरुजी आते भी हैं तो, कोई न कोई काम बताकर बच निकलते हैं। विभागीय सूत्र बताते हैं कि मनमानी की छूट बेसिक शिक्षा अधिकारी और खंड शिक्षाधिकारी के ऑफिस से ही मिलती है।
बेसिक शिक्षा अधिकारी फतेहपुर ने बताया की अगर कोई लिखित शिकायती पत्र मिलता है तो कार्यवाही की जायेगी, वही इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए एंटी करप्शन एसडीसी यानि भ्रष्टाचार निवारण एवं सामाजिक विकास परिषद के महानिदेशक अमन दीप सचान ने कहा कि यदि बेसिक शिक्षा अधिकारी को लिखित पत्र चाहिए तो दिया जाएगा, लिखित पत्र केवल बेसिक शिक्षा अधिकारी को ही नहीं शिक्षा विभाग के उच्च अधिकारियों को भी भेजा जाएगा।