रिपोर्ट अतिशय कुमार स्टेट हेड उत्तर प्रदेश
हसवा
ब्लाक क्षेत्र के फैजुल्लापुर गांव में शुद्ध पेयजल तक की व्यवस्था नहीं है। हालात ये हैं कि कीचड़ भरे रास्ते में लगे हैंडपाइप के नीचे गंदा पानी भरा है। ऐसे में लोगों को अपनी प्यास बुझाने के लिए इस कीचड़ में घुस कर दूषित पानी भरना पड़ता है।
फैजुल्लापुर गांव में वीरेंद्र लोधी के घर के सामने सालों से कीचड़ भरा है। ग्रामीण डीएम की चौखट तक कई बार शिकायत लेकर गए, लेकिन समस्या का समाधान नहीं हुआ।
इस खड़ंजा मार्ग में करीब दस फिट लंबा दलदल है। इस गांव में प्रधान और सेक्रेटरी ने करोड़ों रुपये विकास के नाम पर खर्च कर दिए, लेकिन मुख्य मार्ग से लोग निकल नहीं पाते।
आस पास के लोग पानी पीने के लिए गंदे पानी में घुसकर हैंडपाइप के पास पहुंचते हैं। ठंड के मौसम में ग्रामीण गंदे पानी में घुसकर पहले पानी भरते है उसके बाद अन्य काम करते हैं।
आस पास के लोगों का कहना कि बदबू की वजह से रहना मुश्किल है। गंदगी व जलभराव के कारण संक्रमण का खतरा बना रहता है। सदर विधान सभा में आने के बाद भी यहां विकास के नाम पर कुछ नहीं है।
वीरेंद्र लोधी का कहना है कि शिकायत डीएम से की गई थी। इसके बाद बीडीओ ने तत्कालीन पंचायत सचिव को भेजा था।
लेकिन शिकायत के चलते सचिव भड़क गए। उनका कहना था कि डीएम साहब तक जाने की क्या जरूरत पड़ी थी। इसके बाद समस्या वहीं पर अटकी है।
राजाराम लोधी का कहना है कि कीचड़ से निकलना मजबूरी है। आजादी के इतने दिन बाद भी सड़क का निर्माण नहीं हो सका।
बिना बारिश के ही यहां साल के बारह महीने कीचड़ रहता है। आस पास के लोग रास्ता बदल कर निकलते हैं। शिकायत के बाद भी समाधान नहीं निकला।
रामरती का कहना है कि मोहल्ले के लोग इसी हैंडपंप के सहारे हैं। पीने के पानी लेने को इस गंदे पानी में घुसना पड़ता है।
हैंडपंप के नीचे मच्छरों पनप रहे हैं। ऐसे में बीमारी का खतरा बना रहता है। इस अवस्था में कीचड़ में घुसकर पानी भरना चुनौतीपूर्ण है।
हसवा ब्लाक में आए अभी ज्यादा दिन नहीं हुए हैं। मामले को दिखवाया जाएगा। पंचायत सेक्रेटरी को भेजकर रिपोर्ट मांगी जाएगी। – प्रवीण आनंद, बीडीओ।