Parl-Ji : पार्ले बिस्कुट पार्ले प्रोडक्ट्स प्राइवेट लिमिटेड द्वारा निर्मित भारत के सर्वाधिक पसंदीदा बिस्कुटों में से एक है।पार्ले-जी सबसे पुराने ब्रांड नामों में से एक होने के साथ-साथ भारत में सबसे ज्यादा बिक्री वाला बिस्कुट ब्रांड भी हैं। 30 जुलाई साल 2016 को इसकी फैक्ट्री को बंद कर दिया गया l दशकों तक इस उत्पाद का मोम के कागज से निर्मित सफ़ेद और पीले रंग का अत्यंत लोकप्रिय रैपर इसकी पहचान बना रहा जिस पर एक छोटी लड़की को दिखाया गया था।
• Parle -Ji बिस्कुट नाम कैसे पड़ा..?
कंपनी का नारा है, जी का मतलब जीनियस (प्रतिभाशाली)। “पार्ले-जी” नाम को उपनगरीय रेल स्टेशन विले पार्ले से लिया गया है जो स्वयं पार्ले नामक पुराने गांव पर आधारित है (उसके निकट में इर्ले नामक एक क्षेत्र भी है जहां पार्ले एग्रो उत्पादन कारखाना आधारित है, पार्ले के पार्ले जी के अलावा क्रेक-ज्रेक, मेनीको ओर पार्ले मैजिक्स भी बाजार में अपनी धाक जमाए हुए है.
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देश विदेश में पार्ले- जी लोकप्रियता
देश विदेश में पार्ले- जी लोकप्रियता
पार्ले-जी भारत ही नहीं बल्की विश्व में सर्वाधिक बिक्री वाला बिस्कुट है। भारत के ग्लूकोज बिस्कुट श्रेणी के 70% बाजार पर पार्ले जी का कब्जा है, इसके बाद नंबर आता है ब्रिटानिया के टाइगर (17-18%) और आईटीसी के सनफीस्ट (8-9%) का. इस ब्रांड की अनुमानित कीमत 2,000 करोड़ रुपये से अधिक है और कंपनी के कुल कारोबार में इसका 50 प्रतिशत से अधिक का योगदान है पार्ले प्रोडक्ट्स एक असूचीगत कंपनी है और इसके अधिकारीगण इसके सही आंकड़ों का खुलासा करने से बचते रहते हैं। पिछले वित्त वर्ष में पार्ले की कुल बिक्री लगभग 3,500 करोड़ रुपये थी। यह दुनिया भर सर्वाधिक लोकप्रिय ब्रांड है और पश्चिमी यूरोप तथा अमेरिका में भी इसकी बिक्री शुरू हो चुकी है।
स्थापना —
वर्ष 1929 में जब हमारा देश ब्रिटिश शासन के अधीन था, पार्ले प्रोडक्ट्स नामक एक छोटी कंपनी अस्तित्व में आई. मुंबई के उपनगर विले पार्ले में मिठाइयों तथा टॉफियों (जैसे कि मेलोडी, कच्चा मैंगो बाईट आदि) के उत्पादन के लिए एक छोटे कारखाने को स्थापित किया गया। एक दशक बाद वहां बिस्कुट का उत्पादन भी आरंभ कर दिया गया। उसके बाद से बढ़कर यह भारत की सबसे बड़ी खाद्य उत्पाद कंपनियों में से एक हो गयी थी।
30 जुलाई 2016 को इस कम्पनी को बंद कर दिया गया।1982 वो साल था जब पार्ले ग्लुको का नाम बदलकर उसका नाम पार्ले जी कर दिया गया।
30 जुलाई 2016 को इस कम्पनी को बंद कर दिया गया।1982 वो साल था जब पार्ले ग्लुको का नाम बदलकर उसका नाम पार्ले जी कर दिया गया।
पहले इसके पार्ले जी के कवर पर गाय और ग्वालन बनी होती थीं, लेकिन बाद के दशक में उस ग्वालन को इस प्यारी सी बच्ची से बदल दिया गया | इसके कवर का कलर शुरू से ही सफेद और पीला रहा है. लेकिन इसके ऊपर दिखने वाली बच्ची को लेकर बहुत बार बहस हो चुकी है.
नीरू देशपांडे, सुधा मूर्ति और गुंजन गंडानिया नाम की तीन महिलाओं के इस बच्ची होने का दावा किया जाता रहा है. लेकिन मीडिया में नीरू देशपांडे को ही ये बच्ची माना गया है, हालांकि नीरू देशपांडे अब 62 साल की उम्रदराज़ महिला हो चुकी हैं|
नीरू देशपांडे, सुधा मूर्ति और गुंजन गंडानिया नाम की तीन महिलाओं के इस बच्ची होने का दावा किया जाता रहा है. लेकिन मीडिया में नीरू देशपांडे को ही ये बच्ची माना गया है, हालांकि नीरू देशपांडे अब 62 साल की उम्रदराज़ महिला हो चुकी हैं|
भारत के अतिरिक्त पार्ले-जी यूरोप, ब्रिटेन, अमेरिका, कनाडा, आदि में भी उपलब्ध है।