‘नो मेंस लैंड’ में नेपाल बना रहा था सड़क, नाव से जाकर भारतीय अफसरों ने रोका
चीन से चल रही तनातनी के बीच भारत-नेपाल के बीच खुली सीमा पर विवाद की स्थिति पैदा हो गई. भारत और नेपाल के संबंधों के बीच रविवार को नेपाल की तरफ से खुली सीमा पर ‘नो मेंस लैंड’ पर निर्माण कराया जाने लगा. इस जगह से भारत का नजदीकी जिला उत्तर प्रदेश का पीलीभीत जिला है. सूचना मिलने पर एसएसबी के डीआईजी, पीलीभीत डीएम व एसपी फोर्स समेत मौके पर पहुंचे. दोनों देशों के अफसरों से वार्ता कर फिलहाल निर्माण को रुकवा दिया है. मामले की सूचना उच्चाधिकारियों को दे दी गई है.
रविवार को जिला प्रशासन को सूचना मिली कि इंडो-नेपाल बॉर्डर पर पिलर संख्या 38 के नज़दीक ‘नो मेंस लैंड’ पर नेपाल की तरफ से सड़क का निर्माण कराया जा रहा है. जानकारी मिलते ही डीएम वैभव श्रीवास्तव, एसपी जयप्रकाश, डीआईजी एचएनएस बिष्ट, एसएसबी जवानों के साथ इंडो-नेपाल बॉर्डर पर शारदा नदी पार करके पहुंचे. यहां पर नेपाल के अफसरों से भी चर्चा हुई. इसमें नेपाल की ओर से कराए जा रहे निर्माण कार्य को फिलहाल रुकवा दिया गया है.
नेपाल की तरफ से अचानक शुरू कराए गए निर्माण कार्य से खलबली सी महसूस की गई. गनीमत रही कि बॉर्डर पर तैनात एसएसबी को भी समय रहते निर्माण कराए जाने की सूचना मिल गई. इसके बाद अफसर पूरी सतर्कता के साथ मौके पर पहुंच गए और मुआयना कर शीर्षस्थ स्तर पर सूचना दी.
डीएम वैभव श्रीवास्तव ने फोन पर बताया कि एक पिलर के नज़दीक निर्माण की सूचना मिली थी. इसे चेक किया गया और फिलहाल काम रुकवा दिया है और वरिष्ठ अधिकारियों को भी अवगत कराया है. बॉर्डर पर सतर्कता और चौकसी है
सीओ पूरनपुर योगेंद्र कुमार ने बताया कि इस जगह पर पहले भी विवाद हुआ था. ‘नो मेंस लैंड’ पर नेपाल प्रशासन सड़क का काम शुरू करने जा रहा था. समय से सूचना मिली तो काम रुकवा दिया गया. दोनों तरफ के अधिकारी बैठ कर इस पर बात करेंगे. फिलहाल शांति बनी हुई है
क्या होता है ‘नो मेंस लैंड’
जब 2 देशों के बीच की सीमा निर्धारित करने के लिए कुछ भूमि छोड़ दी जाती है तो उस जगह को ‘नो मेंस लैंड’ कहते हैं. ये जगह किसी भी देश के अधिकार क्षेत्र में नहीं होती है और इसमें सीमा निर्धारण के लिए स्तंभ या बाड़ लगा दी जाती है.
इंडिपेंडेंट इंडिया सूत्र