जिले में भू माफियाओं के हौसले बुलंद,भू माफियाओं द्वारा ग्राम समाज की जमीनों एवं तालाब की जमीनों पर कब्जा
फतेहपुर
जिले में भू माफियाओं ने अपने पैर लंबे पसार रखे हैं। चाहे सरकारी जमीने रही हों या फिर संरक्षित जमीनें उन पर भी इनकी नजर टेढ़ी रही और हेराफेरी कर माल काटते रहे हैं ।जिला मुख्यालय समेत पूरे जिले में ग्राम समाज की जमीनें हों चारागाह या फिर तालाबी नंबर, भू माफियाओं ने अपनी निगाह गड़ाई तो उनमें कब्जा करके ही दम लिया। ऐसे जिला मुख्यालय में ही कई मामले हैं जिनमें भू माफियाओं द्वारा ग्राम समाज की जमीनों एवं तालाब की जमीनों पर कब्जा करके प्लाटिंग कर दी और अब वहां बड़े बड़े भवन खड़े हो गए हैं। बेशकीमती जमीनों पर कब्जे का खेल यूं ही नहीं चलता आ रहा है कहीं ना कहीं सत्ताधारी नेताओं का संरक्षण होना इनके हौसले को बढ़ाता रहा है। अवैध कब्जों के खेल को सरकारी मुलाजिमों का भू माफियाओं से मेलजोल भी इनके कब्जों की राह को आसान करता रहा है। नगरपालिका क्षेत्र में कई लेखपाल ऐसे हैं जो लंबे समय से जमे हैं और वह भू माफियाओं को सरकारी जमीनों को चिन्हित कर देने का काम करते हैं और उसके बदले उन्हें न केवल पैसा मिलता है बल्कि प्लाट का एक टुकड़ा भी मिलता है इसी का नतीजा है कि शहरी क्षेत्रों के लेखपाल करोड़ों के मालिक हैं और लंबे समय से उन्हीं क्षेत्रों में जमे बैठे हैं हालांकि जिला प्रशासन द्वारा पूरे जिले में अवैध कब्जों को हटाने का काम शुरू किया गया है और अब तक 900 हेक्टेयर के आसपास सरकारी जमीनों, चरागाह एवं तालाबी नंबरों से कब्जा हटाया जा चुका है। इन्हीं जमीनों में पौधरोपण का सिलसिला भी शुरू हो गया है।जिलाधिकारी संजीव सिंह के निर्देश पर उनकी टीम अवैध कब्जों पर त्वरित कार्रवाइयां कर रही हैं लेकिन क्या यह कार्रवाई बड़े भूमाफियाओं तक पहुंच पाएंगीं? जमीनों पर कब्जा करके उनकी मानक के विपरीत प्लाटिंग कर लाखों करोड़ों का खेल करने वाले भू माफियाओं ने सत्ताधारी नेताओं में भी अपनी मजबूत पैठ बना रखी है। सत्ता के गलियारे तक पहुंचने का उनका सिलसिला सरकारों के बदलते ही पाला बदलने तक शुरू हो जाता है। शहर व कस्बा क्षेत्र की कई जमीनों में भारतीय जनता पार्टी के जनप्रतिनिधियों के गुर्गे खुलेआम गुंडई कर जमीनों में कब्जे कर रहे हैं और इनसे परेशान लोग पुलिस व अधिकारियों के चौखट तक दस्तक देते रहते हैं लेकिन उन पर ठोस कार्रवाई नहीं हो पाती जिससे इनके हौसले बढ़े हुए हैं।लोक निर्माण विभाग के सामने जिस संरक्षित भूखंड की चर्चा की जा रही है उस पर भी सत्ता से जुड़े लोगों ने ही अपनी निगाह लगा रखी है और उस पर बड़ा खेल खेलने की तैयारी की जा रही है। सवाल यह भी है कि जिस तरह से मानकों, नियम, कायदों ,कानूनों की धज्जियां उड़ा कर जमीनों में कब्जों का सिलसिला जारी है उस पर आखिर रोक लगेगी भी या नहीं। जिला मुख्यालय के ही कई मामले ऐसे हैं जिनका माननीय उच्च न्यायालय तक ने संज्ञान ले रखा है लेकिन अवैध रूप से की गई प्लाटिंग एवं निर्माण को ढहाने की कार्रवाई फिलहाल ठंडे बस्ते पर पड़ी हुई है। एक बार फिर जिलाधिकारी संजीव सिंह एवं उनकी टीम ने अवैध कब्जों के खिलाफ अभियान चला रखा है लोगों में उम्मीद जरूर जगी है कि भू माफियाओं पर नकेल कसने में जिला प्रशासन कामयाब होगा लेकिन लोगों का यह हौसला उस समय पस्त होता नजर आ जाता है जब इन जमीनों के पीछे सत्ताधारियों का संरक्षण सामने आता है। लोगों की निगाह सूबे के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सुशासन एवं भ्रष्टाचार मुक्त प्रशासन व भू माफियाओं के खिलाफ शुरू की गई कार्रवाइयों पर भी टिकी हुई हैं। अब देखना यह है कि सत्ताधारियों के तिलिस्म को तोड़ भू माफियाओं पर कड़ी कार्रवाई करने में जिला प्रशासन कितना कारगर होता है।