आज के आधुनिक युग में जहां एक तरफ युवा तरुणाई पर संवेदनहीन होने का प्रश्न चिन्ह लगता जा रहा है वहीं दूसरी तरफ आज भी बहुत युवा ऐसे हैं जो इस तकाज़े को गलत साबित करते हैं।
कुछ ऐसी ही पहल की भोजन बैंक के युवाओं ने जिन्होंने सर्द रातों में फुटपाथ पर ठिठुरते मेहनतकशों के बदन पर जब कम्बल डाला तो उन्हें सहसा विश्वास नहीं हुआ कि आज के जमाने में ऐसे लोग भी हो सकते हैं जिन्हें दूसरों की परिस्थितियों का एहसास होता है। इस मौके पर वायु सेना से इंद्रजीत जी ने भोजन बैंक के साथ रामादेवी अंडरपास के प्रमुख चौराहों कम्बल वितरण कर सर्दी में ठिठुरते गरीबों असहायों के चेहरे पर मुस्कान ला दी।
अध्यक्ष विकास मिश्रा,कोषाध्यक्ष शिवम द्विवेदी, युवा सदस्य आकाश सिंह चंदेल, प्रशांत कुमार जी ने कम्बल वितरण कर खुले आसमां के नीचे रात गुजारते गरीबों को यह एहसास दिलाया कि समाज में मानवता ख़त्म नहीं हुई है और आज भी समाज में एक दूसरे के दर्द को महसूस करने वाले लोग मौजूद हैं ।
सर्द रातों में ठिठुरने को मजबूर गरीब
वही संस्था के लीगल एडवाइजर अक्षय आनंद भदौरिया जी ने कहा ठण्ड क्या होती है ये कोई उनसे पूछे जो सर्द रातों में खुले आसमां के नीचे किसी तरह अपने बदन को सिकोड़कर रात गुजारने को मजबूर होते हैं। ऐसी स्थिति में यदि ऐसे मजलूम लोगों को कोई भी ऊनी वस्त्र मिल जाए तो उनके मुंह से दुआओं की बारिश होना लाजिमी है।
जरूरतमंदों को गुजैनी बाईपास अंडरपास से लेकर रामा देवी एवं जाजमऊ के निकट इलाकों तक में कम्बल का वितरण किया। रात लगभग 12 बजे बर्रा बाईपास नौबस्ता बाईपास रामादेवी चौराहा, जैसे प्रमुख स्थानों पर पहुंचे और हाईवे के नीचे करवट बदलते जरूरतमंदों को कम्बल वितरित किया।
गरीबों के चहरे पर आई मुस्कान
मुख्य रूप से प्रशांत मिश्रा जी,मनीष कुमार शुक्ला जी,हिमांशु पांडे जी,नीरज पांडे जी,पूजा कुमारी जी,सचिन शर्मा जी,मोहम्मद सलमान जी,दुर्गेश विमल जी,अंकित मिश्रा जी,अनुज साहू जी,प्रवीण विश्वकर्मा जी,आदिति सिंह जी,साकेत कश्यप जी,विपिन चौहान जी,आरती सिंह जी,रितु मिश्रा जी,अनुराधा दुबे जी,ऋषभ गुप्ता जी,शिवम अग्रवाल जी,कृष्ण कुमार जी,भावना गुप्ता जी, कैजान इंजीनिरिंग,अमन सचान जी,ऋषिस शर्मा जी आदि लोगों ने मिलकर अधिक संख्या में कंबल उपलब्ध कराएं