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फोटो साभार आज तक इंडिया टुडे |
अगर आप एक विजिटिंग कार्ड को मात्र एक 3:50* 2 का कागज समझते हैं तो यह स्टोरी आपके लिए ही है।
हम आज आपको विजिटिंग कार्ड से होने वाले तमाम फायदों के बारे में एक कहानी के जरिए बता रहे हैं यह कहानी है एक काम वाली बाई की इनकी मदद एक महिला ने की और इनका एक छोटा सा विजिटिंग कार्ड बनवा दिया बस फिर क्या था आगे आप लोग कहानी पढ़कर समझ सकते हैं.
पुणे के बाधवान इलाके की रहने वाली गीता काले घरों में काम करके अपना परिवार चलाती हैं. उनके विजिटिंग कार्ड पर घर काम मौसी इन बाधवान लिखा है. इसके साथ ही कार्ड पर इस बात की भी जिक्र है कि वो किस काम के कितने पैसे लेती हैं.
महाराष्ट्र के पुणे शहर में घरों में काम वाली एक बाई इंटरनेट पर सनसनी बन गई है. दरअसल, काम वाली बाई का विजिटिंग कार्ड सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है. जिसके बाद बाई को देश भर से काम के ऑफर मिल रहे हैं.
पुणे के बाधवान इलाके की रहने वाली गीता काले घरों में काम करके अपना परिवार चलाती हैं. उनके विजिटिंग कार्ड पर ‘घर काम मौसी इन बाधवान’ लिखा है. इसके साथ ही कार्ड पर इस बात का भी जिक्र है कि वो किस काम के कितने पैसे लेती हैं. गीता काले का विजिटिंग कार्ड सोशल मीडिया पर चर्चा है.
गीता काले के इस विजिटिंग कार्ड के पीछे उनकी नौकरी जाने की कहानी है. दरअसल, एक दिन जो वो धनश्री शिंदे के यहां रोज की तरह काम करने पहुंचीं तो वह काफी दुखी थीं. गीता को परेशान और उदास देखकर धनश्री ने कारण पूछा तो गीता ने बताया कि उन्हें नौकरी से निकाल दिया गया है.
धनश्री शिंदे ने ऐसे की गीता की
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यही है वह महिला जिसने इनकी मदद की |
धनश्री शिंदे डिजिटल मार्केटिंग का काम करती हैं, गीता को दुखी देखकर उनके मन में मदद करने का विचार आया. जिसके बाद शिंदे ने गीता के 100 विजिटिंग कार्ड बनवा दिए और पड़ोस में बांटने के लिए कहा. काम करने वाली बाई का विजिटिंग कार्ड तेजी से वायरल हुआ और काम के लिए ऑफर मिलने लगे. बता दें कि विजिटिंग कार्ड पर गीता के हर काम का रेट भी लिखा हुआ था.
जिसमे लिखा है कि गीता का फोन लगातार बज रहा है और देशभर से नौकरी के ऑफर मिल रहे हैं. इंडिया टुडे से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि कार्ड वायरल होने के बाद काम के लिए इतनी कॉल आ रही हैं कि उन्हें अपना फोन बंद करना पड़ा.