गुरुकुल दृश्यकला एंव नाट्य विद्यालय , आजाद नगर , कानपुर द्वारा आयोजित श्री आर०एस० पाण्डेय जी की एकल चित्रकला प्रदर्शनी का आयोजन किया गया है ।
नई दिल्ली द्वारा सीबीएसई एवार्ड 2017 से सम्मानित व । पूर्णचन्द्र विद्या निकेतन के वरिष्ठ कला अध्यापक श्री आर0एस0 पाण्डेय की एकल प्रदर्शनी आज साय गुरुकुल कला दीर्धा आजाद नगर में आयोजित की गई । प्रदर्शनी का उद्घाटन मुख्य अतिथि सुश्री उदिता लाम्बा के करकमलों द्वारा आज 20 अक्टूबर को सम्पन्न हुआ । कलाकार को आशीर्वाद से लाभान्वित किया विशिष्ट अतिथि दिव्या बंसल व प्रमुख वास्तुविद श्री विमल झाझरिया ने । प्रो० अभय द्विवेदी , संचालक , गुरुकुल संस्था ने अवगत कराया कि श्री पाण्डे एक वरिष्ठ चित्रकार हैं , आप अपनी कला की प्रदर्शिनियों मुम्बई , नई दिल्ली की प्रतिष्ठित कला दीर्घाओं में करते रहे हैं । इसी प्रकार इस वर्ष भी श्री पाण्डेय जी ने अपने चित्रों की प्रदर्शनी शीर्षक ” BEATIFICATION ” परमसुख के अन्तर्गत प्रस्तुत कर रहे हैं । । श्री पाण्डे ने अपने चित्रों में भगवान महात्मा बुद्ध को चित्रित किया है , जिन्हें उकेरने के लिये विभिन्न प्रकार की तकनीक व माध्यमों ( एअर ब्रश , नाइफ व तूलिका ) का प्रयोग किया है । आपके द्वारा बनाये गये चित्रों में महात्मा बुद्ध के अनेकों स्वरूपों के दर्शन होते हैं । आपने महात्मा बुद्ध को ध्यान मुद्रा में लीन अत्यधिक सजीव ढंग से प्रदर्शित करने का प्रयास किया तथा महात्मा बुद्ध को अपने हाथों से भक्ति में लीन ऋद्धालुओं को आशीष देते हुए भी चित्रित किया , जो अत्यधिक आकर्षित प्रतीत होता है ।
श्री पाण्डेय जी के चित्रों में कलात्मक गुणों का अत्यधिक निपुणता से देखते ही । बनता है । आपके अनेक चित्रों में महात्मा बुद्ध की मुखाकृति अत्यधिक शान्त और सहज भावों से प्रतीत होती है । आपके अनेक चित्र महात्मा बुद्ध की भक्ति और आदर्शा को सहजता से प्रस्तुत करने वाले प्रती होते हैं ।
आपके प्रत्येक चित्र में महात्मा बुद्ध को ब्रह्म में लीन होकर प्राप्त होने वाले परम सुख को अत्यधिक मोहक व हृदय स्पर्शी ढंग से सृजित किया गया है । आपके द्वारा बनाये । गये चित्रों की प्रदर्शनी के माध्यम से गुरुकुल आर्ट गैलरी का माहौल , प्रांगण कुछ समय के लिए बौध धर्म को समर्पित अजन्ता गुफा के समान प्रतीत होता है । जहाँ पर महात्मा बुद्ध के अनेकों स्वरूपों को बौद्ध भिक्षओं द्वारा अत्यन्त सजीव व मन मस्तिष्क को प्रभावित करने वाले उकेरे गये हैं । जिनकी रंग – योजना अत्यधिक प्रभावशाली है । हजारों वर्ष पूर्व जिस तल्लीनता के साथ बौद्ध भिक्षुओं द्वारा बौद्ध चित्रों को सृजित किया गया था । उसी तल्लीनता के साथ भगवान बुद्ध के चित्रों को श्री पाण्डे द्वारा भी बनाने का प्रयास किया गया है । आपके द्वारा चित्रों में रंगों की विभिन्न तानों का प्रभावशाली प्रयोग कर महात्मा बुद्ध के स्वरूपों को पुरातन से नूतन की ओर मनमोहक ढंग से प्रस्तुत किया गया है । जिनके माध्यम से भगवान बुद्ध के स्वरूपों को आज आधुनिक युग में प्रचलित विधाओं में भी देखा जा सकता है ।
की पृष्ठभूमि को एअर ब्रश के माध्यम से सृजित करके एक नई विधा को जन्म देने का प्रयास सराहनीय है । प्रदर्शनी को देखने नगर के कला रसिकों का तांता लगा रहा । प्रदर्शनी में मुख्य रूप से डॉ० शालिनी पाण्डिया , डॉ० कल्पना गुप्ता , डॉ0 बृजेश कटियार , डॉ० हृदय गुप्ता , डॉ0 नुपुर बी0 पण्डित , छायाकार प्रफुल्ल मेहरोत्रा अश्विनी कुमार द्विवेदी, अनिंदिता चारु , टिया , नाटककार विनोद पाण्डेय , शिखा वेद ,कनिका वेद ,काजल अग्रवाल ,प्रदीप मंगा , राजकुमार सिंह , उमाकान्त गौड़ , अतुल सिंह , मोहित सिंह , सुरभि गुप्ता आदि उपस्थित रहे ।
अभिषेक चौधरी की खास रिपोर्ट